हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में हर बार 4 से 5 फीसदी मतदाता लगातार वोट बदलता है। यानी 4 से 5 प्रतिशत मतदाता हर बार हिमाचल में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है। 2017 के विधानसभा चुनावों में इस संख्या में 2 प्रतिशत नया मतदाता जुड़ा है, जो इस बार सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
2 फीसदी युवाओं की बात करें तो आज के युवाओं की पहली पसंद मोदी मानी जा रही है। हिमाचल के हर विधानसभा क्षेत्र में 2000 नया वोटर जुड़ा है और ये वोटर विशेष रूप से जहां जीत का ज्यादा अंतर नहीं होगा वहां निर्णायक भूमिका निभाएगा। देश भर में 80 फीसदी नया मतदाता मोदी की नीतियों से प्रभावित माना गया है और इसका अच्छा-खासा असर हिमाचल में भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि, वीरभद्र सरकार के रोजगार देने को युवा मोदी की नीतियों से जोड़ते नजर आ रहे हैं।
हिमाचल में युवाओं की बात करें तो बीजेपी के पास अनुराग ठाकुर और कांग्रेस के पास आरएस बाली, विक्रमादित्य जैसे बड़े युवा चेहरे हैं। लेकिन, युवाओं का गणित किसके काम आएगा ये तो 18 दिसंबर को ही पता चलेगा। लिहाजा, इससे पहले चुनावों में बीजेपी की स्थिति सही रही है, लेकिन इस बार युवाओं का ये समीकरण हिमाचल के ताज का फैसला करेगा।