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जानिए कौन थी शांता कुमार की धर्मपत्नी संतोष शैलजा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार की धर्मपत्नी का नाम संतोष शैलजा है। वह एक कुशल गृहणी थी। वह पंजाब के अमृतसर की रहने वाली हैं। 1964 में शांता कुमार से शादी करने के बाद वह हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में पालमुर में अपने पति के साथ रहने लगी। 75 साल की उम्र में 29 दिसंबर 2020 में हृदय गति रूकने से उनका देहांत हो गया।  

जन्म परिचय

संतोष शैलजा अध्यापिका और लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1937 को अमृतसर पंजाब में हुआ। वहां दसवीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद संतोष अपने परिजनों के साथ दिल्ली आ गईं। दिल्ली आकर उन्होंने आगे की पढ़ाई की। बीएड पूरी करने के बाद वह राजकीय उच्च विद्यालय दिल्ली में बतौर अध्यापिका कार्यरत्त हो गईं। 3 अगस्त 1964 को 30 साल की उम्र में उनका विवाह शांता कुमार के साथ हो गया और वह पालमपुर में आकर रहने लगी। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है।  

संतोष शैलजा की रचनाएं

संतोष शैलजा को पढ़ने-लिखने का बहुत चाव था। पालमपुर आकर भी उन्होंने अपने लेखन का काम जारी रखा। उनकी बतौर लेखिका पहली कहानी पंचजन्य में काफी मशहूर हुई। इसके बाद उन्होंने साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग और सारिका के लिए भी लिखा। इसके बाद उनकी लिखने में रूचि और बढ़ती गई।

1966 में जौहर के अक्षर कहानी संग्रह के बाद तीन उपन्यास कनकछड़ी, अंगारों में फूल, सुन मुटियारे औऱ पांच कहानी संग्रह ज्योतिर्मयी, टाहलियां, मेरी प्रतिनिध कहानियां, हिमालय की लोक गाथाएं, जौहर के अक्षर, दो कविता संग्रह ओ प्रवासी मीत मेरे, कुहुक कोयलिया की प्रकाशित हुए हैं। इनमें ओ प्रवासी मीत मेरे और ज्योतिर्मयी में पति-पत्नी दोनों की रचनाएं हैं।

मृत्यु

29 दिसंबर 2020 में संतोष शैलजा का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। वह कोरोना संक्रमित भी थीं और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। 25 दिसंबर को वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी। टांडा अस्पताल में मंगलवार सुबह संतोष शैलजा ने अंतिम सांस ली। वह 75 साल की थी। उनके निधन पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मंत्री जीएस बाली ने शोक जताया।

दो दिन पहले पत्नी के लिए लिखा था भावुक संदेश

जब शांता कुमार और उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका कुशलक्षेम जाना। प्रधानमंत्री ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। वहीं, हिमाचल के पूर्व मुखंयमंत्री ने प्रेम कुमार धूमल ने भी उन्हें फोन कर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की। शांता कुमार ने दो दिन पहले ही पत्नी से मिलकर सोशल मीडिया पर भावुक संदेश डाला था। उस वक़्त शायद उनको अपने साथी से बिछोह का एहसास हो गया था। संतोष शैलजा एक कुशल गृहणी ही नहीं एक सच्ची जीवन साथी और लेखिका भी थी। जिन्होंने शांता कुमार के लंबे राजनीतिक जीवन के पग-पग पर साथ दिया। आज 50 साल से ज्यादा शांता का साथ निभाने वाली शैलजा ने उनका साथ छोड़ दिया।

छात्रा ने अध्यापिका की मौत जताया दुःख

संतोष शैलजा की एक छात्रा शैली जोशी पंत ने लिखा कि वह मेरी अध्यापिका थीं। वह बहुत ही स्नेही और प्यारी थी।  उनके मृत्यु का समाचार बहुत ही दुःखद है। प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और सभी परिवार जनों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य दे। ओम शांति। शैली जोशी पंत शिमला में जनसत्ता की पत्रकार थी। वह सेवानिवृत आईएएस और कांगड़ा के पूर्व उपायुक्त की बेटी हैं।