हिमाचल हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की तस्करी मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कुल्लू के मलाणा का उदाहरण देते हुए इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिसबल और अफसरशाही नशाकरोबारियों पर कड़ी कारवाई के बजाय उन्हें बचाने में लगी हैं।
कोर्ट ने आदेश दिए है कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर पॉलिसी बनाए। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार और संबंधित एजेंसी को ऐसे अवैध कारोबार को बंद करने में असहाय होते हुए नहीं देखा जा सकता। हालांकि, पूरे प्रदेश में मादक पदार्थों का कारोबार हो रहा है, लेकिन मलाणा गांव इसका मुख्य केंद्र है।
कोर्ट ने पाया कि इस गांव में विदेशी लोग बस गए हैं और अपना कारोबार कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि स्थानीय लोगों की मदद के बिना विदेशी लोग काले कारोबार में संलिप्त नहीं हो सकते। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह अपना निजी शपथपत्र दायर कर कोर्ट को बताएं कि कुल्लू जिला के कसौल गांव में कितने अवैध निर्माण हैं। वहां कितने व्यावसायिक केंद्र जैसे होटल, ढाबे बिना अनुमति चल रहे हैं।
इससे पहले कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप शर्मा की बैंच ने प्रदेश पुलिस और मादक पदार्थ ब्यूरो को नशे के इस काले कारोबार पर सख्ती से नकेल कसने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने इस संबंध में डीजीपी को आदेश दिए थे कि वह प्रदेश में विशेषकर कुल्लू में मादक पदार्थों के उत्पादन, इस्तेमाल और तस्करी पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और एनसीबी की संयुक्त टीम को पूरी मदद दे।