सिद्धाथा क्षेत्र में अचानक मर रहे विदेशी परिंदों की वजह से वन्य प्राणी विभाग ने अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध को फिलहाल बंद कर दिया है। अब झील के चारों ओर 10 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी गतिविधि नहीं हो पाएगी। यहां पर तब तक कोई पर्यटक दस्तक नहीं दे पाएगा जब तक विदेशी पक्षियों के मरने के कारण पता नहीं चल पाता। पौंग झील के साथ लगते सिद्धाथा क्षेत्र में तीन दिन में करीब 1 हजार पक्षी दम तोड़ चुके हैं। इसके बाद वन्य प्राणी विभाग ने ऐहतियात के तौर पर पौंग झील को बंद कर दिया है।
मृत परिंदों के करीब 20 सैंपल जालंधर और भोपाल के बरेली लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी विभाग के विशेषज्ञ यही मानकर चल रहे हैं कि इन पक्षियों को किसी बीमारी ने चपेट में लिया होगा। असली पता सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद ही लग पाएगा। जालंधर तीन और बरेली को 17 नमूने भेजे हैं। सैंपल तीन सदस्य पशु चिकित्सकों की टीम ने भरे हैं। मृत परिंदों के लीवर समेत विभिन्न अंगों के सैंपल लिए गए हैं। मृत परिंदों में बार हेडिडगूज, ग्रे लेग गूज, कॉमन पोचार्ड प्रजाति के पक्षी शामिल हैं, जिनके सैंपल भरे गए हैं।
ट्रांस हिमालयन से आते हैं विदेशी मेहमान
अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में आने वाले विदेशी परिंदें ट्रांस हिमालयन से आते हैं। सर्दियों के मौसम में हिमालयन के तहत ऊंचाई वाले क्षेत्रों की झीलें जमना शुरू हो जाती हैं। ऐसे में विभिन्न देशों के यह पक्षी पौंग झील की ओर रुख करते हैं। यहां जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में होने वाली वार्षिक गणना के दौरान हजारों प्रजातियों के लाख से भी ज्यादा परिंदें दर्ज किए जाते हैं।
वन्य प्राणी विभाग धर्मशाला मुख्य अरण्यपाल उपासना पटियाल का कहना है पौंग झील के साथ लगते सिद्धाथा क्षेत्र में अचानक मर रहे विदेशी परिंदों का आंकड़ा एक हजार पहुंच गया है। इसे देख झील के चारों ओर 10 किलोमीटर क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। पक्षियों की मौत के कारण जानने के लिए सैंपल भेजे गए हैं। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही अगला कदम उठाया जा पाएगा।