नगर निकायों के चुनाव परिणाम के बाद अब जिला परिषद के चुनावों को लेकर भी राजनीतिक सरगर्मियां पूरी तरह से तेज हैं। हाल ही में हुए नगर निकाय चुनावों का श्रेय जहां दोनों पार्टियां (बीजेपी-कांग्रेस) लेने में लगी हैं वहीं जिला परिषद के चुनावों में भी दोनों राजनीतिक दल बढ़त बनाने में जुट गए हैं। सिर्फ जिला कांगड़ा की ही बात करें तो जिला परिषद के 54 वार्डों में भाजपा के साथ कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हुए हैं। जीत हासिल करने का मौका कोई भी पार्टी गंवाना नहीं चाहती है।
पिछले चुनावों में जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर भाजपा का कब्जा रहा था और कांग्रेस के हिस्से उपाध्यक्ष पद ही आया था। लिहाजा उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्तासीन थी। इसी को देखते हुए इस बार के परिणाम भी चौंकाने वाले आ सकते हैं। इस बार के जिला परिषद के चुनावों में 54 वार्डों में से 27 महिलाएं भी अपना भाग्य आजमा रही हैं।
वहीं, भाजपा की ओर से गत सप्ताह वूल फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने दावा किया था कि भाजपा 40 से अधिक जिला परिषद की सीटें कांगड़ा में जीतेगी। दूसरी ओर कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जीएस बाली ने भी पिछले सप्ताह कांगड़ा में पत्रकार वार्ता के दौरान दावा किया कि कांग्रेस प्रदेश भर में 90 फीसद जिला परिषद सीटें जीतेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो दिवसीय धर्मशाला प्रवास के दौरान पंचायत चुनावों को लेकर अपने मंत्रियों, भाजपा पार्टी प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष और विस अध्यक्ष के साथ परिधि गृह धर्मशाला में लंबे समय तक गुप्त मंत्रणा भी चुनावों को लेकर की थी। ऐसे में इन चुनावों के चलते प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं।