हिमाचल प्रदेश के कुफरी शिमला में पहला डॉपलर वेदर रडार (DWR) स्थापित किया गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने वर्चुअल तरीके से राडार का लोकार्पण किया। उन्होंने कुफरी में राडार को समर्पित करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार करते हुए कहा कि राज्य में मण्डी और चम्बा जिला के डलहौजी में दो और राडार स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राडार स्थापित करने के लिए मण्डी में स्थान चिन्हित कर लिया गया है और डलहौजी में शीघ्र ही चिन्हित कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुफरी में स्थापित किया गया राडार दो सप्ताह की अवधि के लिए परीक्षण मोड पर था और उसके पश्चात इसका डेटा का उपयोग पूर्वानुमान के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस राडार की रेंज रेडियल दूरी 100 कि.मी. तक है। उन्होंने कहा कि यह सभी दिशाओं में 100 कि.मी. तक के मौसम का डेटा प्रदान करेगा। इसका उपयोग पूर्वानुमान और विशेषकर छोटी रेंज के पूर्वानुमान के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से विशिष्ट क्षेत्र में मौसम से सम्बन्धित विभिन्न घटनाओं जैसे आंधी तुफान, आसमानी बिजली, ओलावृष्टि, भारी बारिश, बर्फबारी, तेज हवाओं इत्यादि के लिए अधिक स्टीक क्षेत्र विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की जा सकेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि डीडब्ल्यूआर से बुनियादी जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त परावर्तन प्राप्त किया जाएगा, जो बादल में जल सामग्री का एक मापक होगा। ये विशेष रूप से क्लाउड सेल, बादलों की गति और दिशा सहित बादल के आधार और ऊंचाई के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र प्रदेश के बागवानों और किसानों को मौसम से सम्बन्धित स्टीक जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीडब्ल्यूआर कुफरी 24 घण्टे क्रियाशील रहेगा तथा ये पूरी तरह से स्वचलित और कम्प्यूट्रीकृत कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह डेटा को विभिन्न डिजिटल प्रारूपों और चित्रों के माध्यम से प्रसारित करेगा।