ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में मकर संक्रांति पर शिवलिंग का चार क्विंटल मक्खन से शृंगार किया गया है। 14 जनवरी की रात लोहड़ी पर्व पर घृतमंडल तैयार किया गया था। ये माखन अभी शिवलिंग पर है। सप्ताह भर शिवलिंग पर ये लेप चढ़ा रहेगा। लगभग 4 क्विंटल माखन से बने इस शिवलिंग को 5 फुट का बनाया गया है। इसका प्रसाद बाद में श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा। माना जाता है कि इस मक्खन रूपी प्रसाद से चर्म रोग दूर होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर सर्दी पड़ने पर भगवान भोले शंकर यहां आकर निवास करते हैं और उन्हें आराम देने के लिए शिवलिंग पर शुद्ध घी से तैयार किए गए मक्खन का लेप किया जाता है। मंडी के राजा भीमसेन भी घृत मंडल चढ़ाने बैजनाथ आते थे। भीमसेन ने मंडी के भूतनाथ मंदिर में स्थापित करने के लिए उखाड़ने की कोशिश की थी लेकिन शिव ने चेतावनी दी कि यदि शिवलिंग को उखाड़ा तो उसका सर्वनाश हो जाएगा।
इसके बाद राजा भीमसेन ने भूल को सुधारने के लिए यहां मकर संक्रांति पर मक्खन का लेप लगाने की परंपरा शुरू की थी जो यह आज भी जारी है। इस शिवलिंग को देखने के लिए आजकल श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां इस पावन शिवलिंग के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझ रहे हैं।