कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार की बागवानी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार बागवानों के धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश न करे। राठौर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बागवानी विकास के लिए दिए जाने वाले सभी प्रोत्साहन बंद करके भाजपा सरकार का किसान व बागवान विरोधी चेहरा फिर से सामने आ गया है। भाजपा की सोच हमेशा पुंजीपतियों को लाभ देने की रही है और बागवानों को सदा ही भाजपा के राज में नुकसान ही उठाना पड़ा है।
राठौर ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद पर दी जाने वाली ग्रांट बन्द करने की सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि भाजपा हमेशा ही बागवान विरोधी रही है और अब यह बागवानों की दमनकारी भी बन गई है। 1982 में जब प्रदेश में पहली बार स्केब ने दस्तक दी थी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बागवानों को सस्ते दामों पर तुरंत ही फफूंद व कीट नाशक उपलब्ध करवाने की एक बड़ी योजना शुरू की थी। लेकिन सरकार ने इन पर मिलने वाली आर्थिक सहायता को पूरी तरह बंद कर दिया है। राठौर ने आरोप लगाया है कि पिछले साल प्रदेश में स्केब के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेबार है। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने कीट व फफूंद पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर बागवानों को खुले बाजार से महंगी दरों पर खरीदने के लिए मजबूर कर दिया है।
राठौर ने आरोप लगाया है कि बागवनी मंत्री ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद हेतु एक पैनल का गठन कर अपने लोगों को कोई लाभ देने व भ्रष्टाचार का मार्ग प्रसस्त कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की किसानों व बागवानों के कल्याण के प्रति कोई सोच ही नहीं है और यही कारण है कि आज देश का किसान पिछले 52 दिनों से सड़कों पर आंदोलनरत है। उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानून कृषकों को ही नही है बागवानों को भी नुकसान दायक है।