मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को जिला मंडी के कंगनीधार, जिला कुल्लू के सासे, जिला सोलन के बद्दी तथा जिला शिमला के रामपुर और शिमला में हेलीपोर्ट निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोगों को इनका शीघ्र लाभ मिल सके और पर्यटकों को भी बेहतर सुविधा दी जा सकें। मुख्यमंत्री आज यहां आरसीएस उड़ान-2 के तहत हेलीपोर्ट के निर्माण से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने कंगनीधार, बद्दी और रामपुर हेलीपोर्ट के निर्माण का कार्य निष्पादन एजेंसी को सौंप दिया है जबकि शिमला और सासे हेलीपोर्ट का कार्य शीघ्र पूरा होने वाला है। उन्होंने निष्पादन एजेंसियों को इन सभी हेलीपोर्ट का निर्माण निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए क्योंकि इससे न केवल पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा। राज्य सरकार केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आवश्यकतानुसार प्रस्तावित हेलीपोर्ट को अपेक्षित सुरक्षा प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्दी हेलीपोर्ट के लिए अतिरिक्त फैटो, एप्रॉन और बड़े यात्री टर्मिनल भवन के लिए अतिरिक्त भूमि का चयन कर लिया गया है। राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित होने के कारण यह हेलीपोर्ट इस क्षेत्र में आने वाले उद्यमियों को सुविधा प्रदान करेगा। यह हेलीपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट चण्डीगढ़ के नजदीक है। राज्य सरकार कंगनीधार में तीन नए फैटो बनाना चाहती है जबकि दो फैटो का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। फैटो का प्रयोग हेलीकॉप्टर की पार्किंग और अति-विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन के दौरान उनके प्रोटोकोल के अनुसार किया जाएगा। राज्य सरकार ने कंगनीधार में कटिंग कार्य के स्थिरीकरण के लिए तकनीकी अध्ययन और संरचना परामर्श पूर्ण कर लिया है।
उन्होंने कहा कि शिमला हेलीपोर्ट का कार्य पूर्ण होने वाला है और यहां ट्राई लैंडिंग कर ली गई है। राज्य सरकार ने इस हेलीपोर्ट को शीघ्र निर्मित करने के लिए पर्यास किए हैं ताकि आरसीएस उड़ान-2 के अन्तर्गत यहां हेलीकॉप्टर संचालन का कार्य शुरू किया जा सके। यह हेलीपोर्ट शहर के बीचों-बीच स्थित है, इसलिए यह प्रदेश की राजधानी आने वाले पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय होगा। राज्य सरकार ने उड़ान-2 के तहत सासे हेलीपोर्ट का मामला केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के समक्ष उठाया है। आधारभूत सुविधाएं जैसे यात्री टर्मिनल भवन इत्यादि प्रदान करने का मामला सासे और डीआरडीओ अधिकारियों से उठाया गया है। शिमला, कांगड़ा और कुल्लू स्थित हवाई अड्डों का विस्तार किया जा रहा है ताकि यहां बड़े हवाई जहाजों को उतरने की सुविधा मिल सके। शिमला रनवे को 300 मीटर बढ़ाया जाएगा, जिससे यहां बड़े हवाई जहाज उतर सकेंगे। इससे प्रदेश की राजधानी को बेहतर हवाई सम्पर्क की सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के ओएलएस अध्ययन में पाया गया है कि मंडी जिला के नागचला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण व्यावहारिक है। राज्य सरकार वैपकोश के माध्यम से इस स्थल पर प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए लीडार सर्वेक्षण करवाएगी। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने के उपरान्त हिमाचल प्रदेश में पर्यटन प्रोत्साहन में काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में इन सभी हेलीपोर्ट के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए पवन हंस लिमिटेड से अपनी एक तकनीकी टीम शिमला भेजने का आग्रह किया। उन्होंने पवन हंस लिमिटेड से उड़ान-2 के अन्तर्गत शामिल हेलीपोर्ट के लिए एक परिचालन एवं प्रबन्धन योजना प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। उन्होंने उड़ान-1 के अन्तर्गत दिल्ली-शिमला-दिल्ली रूट पर एलायंस की हवाई सेवाएं बहाल करने और इन्हें नियमित रूप से संचालित करने का भी आग्रह किया। सचिव पर्यटन देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि प्रदेश में निर्मित होने वाले इन सभी हैलीपोर्ट का निर्माण कार्य निर्धारित समय में सुनिश्चित बनाया जाएगा।