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कई मायनों में रोचक रहा पंचायती राज संस्थाओं के पहले चरण का चुनाव

बीरबल शर्मा |

प्रदेश में पंचायती राज संस्थानों के पहले चरण के चुनाव में भी कई रोचकताएं सामने आई है। लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं ने जहां जमकर अपने अधिकार का प्रयोग किया वहीं चौंकाने वाले नतीजे भी देखने को मिले। हम आपको कुछ रोचक घटनाक्रम बताने जा रहे हैं जो मंडी जिला में पंचायत चुनाव के पहले चरण में घटित हुए।

सांसद का भाई हारा वार्ड पंच का चुनाव

लगातार दो बार चुने गए और इस बार तो रिकार्ड 4 लाख से भी अधिक मतों के अंतर से चुने गए मंडी लोक सभा के सांसद रामस्वरूप शर्मा का भाई वार्ड पंच का चुनाव नहीं जीत पाया। जोगिंदरनगर की नई बनी जलपेहड़ पंचायत से राम स्वरूप शर्मा के भाई त्रिलोक चंद को सीधे मुकाबले में हरनाम सिंह ने 20 मतों के अंतर से हरा दिया। त्रिलोक चंद को महज 47 वोट ही मिले जबकि विजयी रहे हरनाम सिंह ने 67 मत हासिल किए। पूरा दिन सोशल मीडिया पर इस हार को लेकर चर्चा बनी रही। यहां यह बताना भी उचित होगा कि सांसद बनने से पहले रामस्वरूप शर्मा भी अपने पंचायत से वार्ड पंच का चुनाव हार चुके थे।

पति-पत्नी बने प्रधान उपप्रधान

मंडी जिले की दो पंचायतों ने नया इतिहास रचा है। जिले के नाचन हल्के की शाला पंचायत में इस बार प्रधान का पद महिला के लिए आरक्षित था तो निवर्तमान प्रधान राज कुमार ठाकुर जो पत्रकार भी रहे हैं ने लोगों के दबाव के चलते खुद को उपप्रधान और अपनी पत्नी मीनाक्षी को प्रधान पद के लिए उतार दिया। दोनों की जीत हो गई।

गौरतलब है कि राज कुमार ठाकुर ने प्रधान रहते हुए पंचायत में ऐसे काम करवाए जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार और शाबाशी हासिल हुई थी। पूरे प्रदेश में एक मात्र पंचायत है जिसमें थ्री स्टार स्तर का रेस्ट हाउस बनाया है। इसी तरह से दंरग हल्के की स्नोर घाटी की कोटाधार पंचायत में भी पति-पत्नी प्रधान उपप्रधान बने हैं। महाबीर उपप्रधान और उनकी पत्नी आशा देवी को मतदाताओं ने प्रधान चुना।

प्रधान पद आरक्षित हुआ तो उपप्रधान ही सही

आरक्षण के चलते कई निवर्तमान प्रधान उपप्रधान के लिए उतरे और चुने गए। देश का पहला मनरेगा पार्क बनाने वाली मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की गृह पंचायत मुरहाग जिसे इसी उपलब्धि के लिए स्कॉच अवार्ड भी हाल ही मिला है के निवर्तमान प्रधान तेजेंद्र ठाकुर उपप्रधान चुने गए। दंरग की कुफरी पंचायत के तेज तरार प्रधान रहे ओम प्रकाश ठाकुर भी इस बार उपप्रधान बने हैं। पंडित सुख राम और अनिल शर्मा की गृह पंचायत कोटली के कई साल प्रधान रहे मोहन सिंह ठाकुर इस बार उपप्रधान चुने गए है।

इधर, जिले के बाहर की बात करें तो जिन जीते हुए उम्मीदवारों के सोशल मीडिया पर सबसे अधिक चर्चा रही है उनमें भराड़ीघाट कुनिहार मार्ग पर बसी धुंधन पंचायत की शंकुतला जो डीएसपी के पद से रिटायर हुई है। वे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित हैं और पंचायत प्रधान चुनी गई। बिलासपुर के खारसी की जागृति और रोहड़ू के लोअर कोटी अवंतिका चौहान ने 22-22 साल की उम्र में प्रधान पद पर जीत हासिल की। चंबा के सिल्लाघ्राट पंचायत से 24 वर्षीय रीना कुमारी प्रधान पद के लिए जीतीं।

ये सब ख़बरं भी सोशल मीडिया पर छाई रही। यही नहीं बिलासपुर की बंदला पंचायत के वार्ड नंबर 2 में 116 वोट पड़े जिनमें से 76 नोटा को डाले गए थे जबकि विजयी रहे पवन को केवल 13 वोट मिले और हारने वाले रोशन के खाते में 5 वोट रहे। यानि 116 में से 13 वोट लेने वाला जीत गया। ये काफी चर्चा का विषय रहा। कांगड़ा जिला की हलेड़कलां पंचायत वार्ड नंबर 8 में प्रधान पद को लेकर काफी विवाद हुआ। वोटिंग धांधली के आरोप लगने पर निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव निरस्त कर दिये औऱ अब 21 को दोबारा चुनाव होगा।