किसान आंदोलन के समर्थन में बीते कल मंगलवार को सिंघु बॉर्डर से तीन किसान रिज मैदान पर पैदल मार्च करने पहुंचे थे। पैदल मार्च से पहले ही सदर पुलिस ने इन तीनों को पकड़ लिया और सदर थाना ले गई। थाना ले जाते दौरान पुलिस ने मीडिया कर्मियों से भी धक्का मुक्की की। हालांकि मीडिया कर्मियों के विरोध के बाद पुलिस ने माफ़ी मांग ली। इसके बाद तीनों किसानों को शिमला में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और कल देर रात उन्हें जमानत दे दी गई।
कोर्ट से रिहा होने के बाद हरप्रीत सिंह ने कहा कि हमें बोलने की अनुमति नहीं थी। हमारा लोकतंत्र खतरे में है। भाषण के हमारे मौलिक अधिकार को छीना जा रहा है। हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने आए थे और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों पर लोगों को जागरूक करने के लिए आए थे। जिस तरह से पुलिस ने हमारे साथ व्यवहार किया, उसे हम कभी नहीं भूलेंगे। हम किसान हैं आतंकवादी नहीं हैं। बता दें कि तीनों किसान हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह और पंजाब से करनदीप संधू को शिमला पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत गिरफ्तार किया है।