कांगड़ा जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भाजपा दो मंत्रियों, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष और एक विधायक के नेतृत्व में दलबल सहित अपने पार्टी समर्थित सदस्यों को लेकर जिला परिषद सभागार धर्मशाला पहुंची। भाजपा का खेमा चुनाव के लिए निर्धारित 11 बजे के समय की बजाय करीब साढ़े 12 बजे पहुंचा, लेकिन कांग्रेस ने इस चुनावी प्रक्रिया से किनारा ही रखा। कांग्रेस समर्थित कोई भी जिला परिषद सदस्य नहीं पहुंचा।
बता दें कि 54 सदस्यों वाले जिला परिषद का कोरम पूरा करने के लिए कम से कम 36 सदस्यों की मौजूदगी जरूरी थी, लेकिन भाजपा के पास प्रत्यक्ष रूप से 33 ही सदस्य पहुंचे थे। अब कोरम पूरा न होने के चलते पहली फरवरी को चुनाव होगा। कांग्रेस के बहिष्कार की रणनीति खुद कांग्रेस पर ही भारी पड़ी और भाजपा को मजबूत आधार दे गई।
पहली जनवरी को चुनावी कोरम पूरा करने के लिए 27 सदस्यों का होना अनिवार्य है, जबकि भाजपा के लिए इस जुदाई आंकड़े के करीब अपने सदस्य हैं। ऐसे में पहली फरवरी को भाजपा अपना अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तय कर सकती है। जिला परिषद हॉल में भाजपा की ओर से 33 सदस्य पहुंचे थे। वहीं वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि उनके पास 35 सदस्य है, लेकिन दो सदस्यों को उन्होंने खुद ही सामने नहीं लाया, क्योंकि उन्होंने शर्त रखी है जब चुनाव होगा, तभी सामने आएंगे। अब पहली फरवरी को होने वाले चुनाव में भाजपा अपने साथ 40 सदस्यों को लेकर आएगी।