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मधुमेह को लेकर हिमाचल में खतरे का संकेत, देश के मुकाबले हिमाचल में 2 फीसदी अधिक मधुमेह रोगी

पी. चंद |

हिमाचल में मधुमेह ख़तरे का संकेत दे रही है। भारत में मधुमेह की संख्या 9.8 फ़ीसदी है जबकि हिमाचल में 11.5 फ़ीसदी लोग मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा 50 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जो मधुमेह की जांच ही नहीं करवाते हैं। भारत के शहरी इलाकों में मधुमेह के रोगियों की संख्या 13 फ़ीसदी है जबकि हिमाचल में एक फ़ीसदी ज्यादा यानी 14 फ़ीसदी लोगों को मधुमेह से ग्रसित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ये भारत के 7.8 के मुकाबले 3 फ़ीसदी ज्यादा यानी 11.2 फ़ीसदी है।

इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. मोकटा ने बताया कि 126 से ज्यादा का मधुमेह लेवल बड़ी हुई शुगर का संकेत है। जबकि 110 तक बॉर्डर लाइन का है। मधुमेह का मुख्य कारण मोटापा है हिमाचल के 38 फ़ीसदी लोगों में मोटापा है। 61 फ़ीसदी लोग निष्क्रिय रहते हैं जबकि 3 फ़ीसदी लोग सक्रिय और 5 फ़ीसदी अति सक्रिय रहते हैं। खानपान भी मधुमेह का मुख्य कारण है। हिमाचल के 31.2 फ़ीसदी लोगों का रक्तचाप बड़ा हुआ है। जो भारत के 32 फ़ीसदी के ही लगभग है। 76 फ़ीसदी लोगों का लिपिड ठीक नही है।