जनवरी महीने में बर्फबारी और अच्छी बारिश का इंतजार करते हुए किसान बागवानों के लिए फरवरी की शुरूआत राहत लेकर आई। बीते दो दिनों से मंडी जिले में हो रही बारिश और बर्फबारी ने किसान बागवानों को खुश कर दिया। जमकर हुई बर्फबारी से जहां जिले की ऊपरी चोटियों में कई फीट बर्फ के जम जाने से ये चोटियां लकदक हो गई, वहीं जिले की पवर्तमालाओं पर स्थित पराशर और कमरूनाग झीलें पूरी तरह से बर्फ की आगोश में लिपट गई।
जिले के शिकारी, बरोट, चौहार घाटी, देवी दड़, जंजैहली, करसोग समेत सभी उंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। इसे सेब की फसल के साथ-साथ जल स्त्रोंतों के लिए भी बेहद उपयोगी माना जा रहा है जबकि निचले क्षेत्रों में इस बारिश ने गंदम की फसल में नई जान डाल दी है। पीली और सूखी होती जा रही गंदम की फसल को इस बारिश से संजीवनी मिल गई है। इन दिनों गंदम की फसल निशार पर है और बारिश की बेहद जरूरत किसान महसूस कर रहे थे।
जल शक्ति विभाग ने भी राहत की सांस ली है क्योंकि माना जा रहा है कि इस बारिश बर्फबारी से सूख रहे जल स्त्रोत फिर से जिंदा हो जाएंगे। बारिश और बर्फबारी से सूखी ठंड व धूल से भी निजात मिल गई है। इससे लोगों को सर्दी जुकाम से भी छुटकारा मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि बारिश से कई सड़कें भी अवरूद्ध हुई हैं और जनजीवन भी अस्त व्यस्त हुआ है। लेकिन खुशहाली का प्रतीक मानी जा रही बारिश बर्फबारी के आगे ये मुसीकलें कुछ भी नहीं हैं। सर्द लहर भी जारी है। दिन भर तेज ठंडी हवाएं भी चलती रही और लोग घरों में ही दुबके रहने को मजबूर हुए। बाजारों में भी कम ही लोग देखने को मिले।