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कांगड़ा में चल रहा फर्जी आरसी और एनओसी का खेल !, पुलिस कर रही मामले की जांच

मृत्युंजय पुरी |

रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंसिंग अथॉरिटी पालमपुर में वाहनों के पंजीकरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच करने के बाद पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस थाना पालमपुर की टीम ने साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण आरएलए पालमपुर निर्धारित तिथि के बाद किया गया है, जबकि कैद्रीय परिवहन मंत्रालय के नियमानुसार 31 मार्च 2020 के बाद इस पर रोक लगाई है। वहां जाली दस्तावेजों और मिलीभगत से 100 अधिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की बात भी सामने आ रही है। सभी वाहन बीएस-4 हैं और इनका पंजीकरण 31 मार्च 2020 तक ही संभव था। ऐसे पंजीकृत वाहनों की संख्या 150 के आसपास ही सकती है।

प्रदेश स्तर पर भी इसकी जांच शुरू है। एक टीम के शीघ्र पालमपुर पहुंचकर जांच करने की बात आ रही है। वीभाग की ओर से कुछ वाहन मालिकों को नोटिस भी जारी किए जा सकते हैं। मामले में एजेंट और विभागीय कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। शुक्रवार को विभाग ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस सारी जानकारी और साक्ष्य जुटा रही है। डीएसपी अमित कुमार ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस जांच में जुट गई है।

सहारनपुर एसआरजी (विशेष अभियान दस्ता) ने ऐसे 10 लोगों को दबोचा है, जो फाइनेंस के ट्रकों को खरीद कर पहले चोरों की रिपोर्ट दर्ज कराते थे, फिर फर्जी आरसी पर उन ट्रकों को चलाते थे। हिमाचल परिवहन कार्यालय में मिलीभगत कर फर्जी आरसी (रज़िस्ट्रेशन सटिफिकेट) बनवाते थे। कांगड़ा के आरटीओ कार्यालय में जो एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जमा होता था, उसे अरुणाचल प्रदेश में तैयार कराते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर को जेल भेज दिया गया। आरोपितों के कब्जे से ऐसे सात ट्रक बरामद हुए हैं।

व्यक्ति की तलाश में महाराष्ट्र की पुलिस भवारना पहुंची

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति की तलाश में महाराष्ट्र पुलिस शुक्रवार को पुलिस भवारना पहुंची। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति मुंबई में काम करता था। मार्च में लॉकडाउन के बाद वह घर आ गया था। मुंबई में जहां पर वह कार्य करता था वहीं, लाखों रुपये की घोखाधडी को लेकर मुंबई के एक क्लव मालिक ने इसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही व्यक्ति घर से गायब हो गया। पूछताछ के लिए उसके स्वजनों को भवारना थाना बुलाया था। जिस गांव में व्यक्ति रहता है वहां से कई लोग थाने में पहुंचे थे। वे क्लब के मालिक पर एफआइआर दर्ज करवाना चाहते थे। लेकिन मामला मुंबई में दर्ज होने के कारण यह नहीं हुआ। इस मामले में नौटबंदी के समय कुछ लोगों के खाते में राशि डालने की बात कही जा रही है। डीएसपी अमित शर्मा ने बताया कि भवारना थाने के तहत एक गांव के निवासी के खिलाफ मुंबई में क्लब मालिक ने धारा 408 के तहत मामला दर्ज करवाया है। 

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा 

आरोपी ने बताया कि वह फाइनेंस के ऐसे ट्रक तलाशते थे, जिनकी किश्त जमा नहीं हो रही हो । कम किश्त में ट्रक को खरीद कर उसकी चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा देते थे। इसके बाद फाइनेंस कंपनी से लाखों रुपये वसूल कर ट्रक को फर्जी आरसी फर्जी इंजन और चेसी नम्बर डालकर चलाते थे ।