तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के चक्का जाम के आहवान का असर शिमला में भी देखने को मिला। शिमला में वामपंथी किसान संगठनों ने शिमला के प्रवेश द्वार विक्ट्री टनल में चक्का जाम किया और तीनों कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग उठाई।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने आरोप लगाया कि चंद रसूखदार कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार देश के अन्नदाताओं के साथ क्रूर मजाक कर रही है। सरकार आंदोलन को दूसरी दिशा में भड़काने का प्रयास कर रही है। इन कानूनों के दूरगामी परिणाम होंगे और किसान का शोषण होगा। जब तक सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेती है तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा बल्कि आंदोलन और अधिक तेज़ होगा।