जिला कुल्लू में शिक्षिका के फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के बाद अब हमीरपुर में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक महिला टीजीटी ने फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर नौकरी हासिल की औऱ अपना सेवाकाल पूरा कर रिटायरमेंट भी ले ली। बीते वर्ष इस मामले की शिकायत पहुंची तो शिक्षा विभाग ने जांच बैठा दी।
दैनिक अखबार के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि शिक्षिका ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी हासिल की है, जबकि वह सामान्य वर्ग से है। उसके बाद रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय शिमला को भेजी गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिक्षा विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक आरसी कटोच ने बताया कि महिला ने नौकरी अनुसूचित जाति कोटे में जाली सर्टिफिकेट से हासिल की थी। वर्तमान में वह विभाग से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। हालांकि महिला अध्यापक ने अंतरजातीय विवाह किया है। लेकिन कानून के मुताबिक विवाह के बाद दंपति की जाति नहीं बदली जा सकती।
गौरतलब है कि इससे पहले इसी हफ्ते कुल्लू जिला में भी ओबीसी का फर्जी प्रमाण पत्र देकर एक महिला ने पीईटी अध्यापक का पद हासिल किया था। बाद में जांच रिपोर्ट में मामले का खुलासा होने पर महिला अध्यापक से 48 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश जारी हुए। अब हमीरपुर के मामले में भी रिकवरी के आदेश हो सकते हैं।