भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति भारत की जड़ों से जुड़ी हो ये मंत्र देकर एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत के जरिए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की नींव पण्डित दीन दयाल उपाध्याय जी ने रखी थी। वीरवार को समीरपुर स्थित अपने आवास पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता, प्रखर राष्ट्रवादी, उत्कृष्ट संगठनकर्ता एवं हमारे प्रेरणा स्त्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर वह उन्हें शत्-शत् नमन करते हैं।
प्रो० धूमल ने कहा कि श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक, उत्कृष्ट राजनीतिक मूल्यों के प्रतीक पुरुष, कुशल संगठनकर्ता, 'एकात्म मानववाद' और 'अंत्योदय' जैसे प्रगतिशील और सर्वसमावेशी विचारों के प्रतिपादक थे। आज भी उनके दिए सिद्धांत राष्ट्र पुनर्निर्माण के लिए पूरी तरह प्रासंगिक हैं। जब आजाद भारत के नवनिर्माण के लिए विदेशी मॉडल को अपनाने पर जोर दिया जा रहा था तब पंडित जी ही थे जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति भारत की जड़ों से जुड़ी हो ये मंत्र देकर एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत के जरिए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की नींव रखी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने हेतु ‘एकात्म मानववाद और अंत्योदय’ का मंत्र देने वाले श्रद्धेय पंडित का राष्ट्र के प्रति उनका विराट चिंतन इस सदी के नए भारत के निर्माण में हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। पण्डित दीनदयाल के बताए मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को उसी दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। विश्व भर में भारत की छबि निखर रही है। भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिन-जिन प्रान्तों में भाजपा की सरकारें हैं उन में भी दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन पर आधारित नीतियां अपनाकर लोगों की सेवा की जा रही है। इसीलिए तो हम कहते हैं कि भाजपा के लिए सत्ता जनसेवा का माध्यम है।