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आईस हॉकी से हो रही हिमाचल की अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान: मंत्री

पी. चंद |

काजा में आयोजित 66 दिवसीय आइस हॉकी लर्न टू प्ले कैंप का शार्ट वीडियो इंटरनेशनल आईस हॉकी फेडेरेशन ने अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया गया है। तकनीकि शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने जारी ने कहा कि उन्होंने फेसबुक और ट्वीटर पर एक शार्ट वीडियो अपलोड किया था जोकि काजा में आईस हॉकी लर्न टू प्ले कैंप का था । इसमें स्केट्स पहने हुए छात्रा खिलाड़ियों ने स्थानीय लोक नृत्य पेश किया था, जबकि ट्वीटर पर जो वीडियोअपलोड किया था उसमें आईस हॉकी मैच के कुछ अंश थे। इन दोनों वीडियो को इंटनरेशनल आईस हॉकी फेडेरेशन ने अपने अधिकारिक पेज से शेयर किया है।

उन्होंने कहा कि यह हिमाचल  प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि आईस हॉकी में अंतराष्ट्रीय स्तर पर हमारी पहचान होने लगी है। हमारे लाहौल स्पिति के काजा में पिछले दो सालों से लगातार आईस हॉकी के स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस साल हिमाचल प्रदेश की महिला टीम ने आइस हॉकी की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। काजा में युवा सेवाएं और खेल विभाग व आइस हॉकी ऐसोसियेशन आफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान से 66 दिन का लर्न टू प्ले कैंप आयोजित किया गया था।

मंत्री ने कहा कि इंडियन आईस हॉकी एसोसियेशन के सहयोग से यहां पर प्रशिक्षिण देने में काफी सफलता मिल रही है। इस बार 224 बच्चों ने कैंप में हिस्सा लिया है। इसके साथ 68 बच्चें एडंवास प्रशिक्षण हासिल कर चुके है। आज मुझे खुशी हो रही है कि स्पीति की पहचान अब आईस हॉकी की वजह से देश में होने लगी। यहां के बच्चे आईस हॉकी के प्रति अपनी रूचि को बढ़ा रहे। लाहौल स्पिति में आईस हॉकी को बढ़ावा देने के लिए सगनम और लोसर में आईस हॉकी रिंक बनाया जाएगा।

आइस हॉकी के लिए करीब दो करोड़ रूपये से अधिक का प्रावधान रखा गया। राष्ट्रीय कोच अमित बेलबाल इन्हें प्रशिक्षित देते है । लाहौल स्पिति अब आईस हॉकी के खिलाड़ियों को हब बने इसके लिए सरकार और प्रशासन काम कर रहा है। यहां पर खिलाड़ियों को अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने साहसिक खेलों के पहली बार नीति बनाई है ताकि हम लाहौल स्पिति में भी साहसिक खेले जिनमें स्कींग, तीरंदाजी, रिवर राफटिंग आदि के तहत खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा।