हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने सदन के अंदर ही नारेबाजी शुरू कर दी और अभिभाषण के बाद जब राज्यपाल जाने लगे तो विधानसभा के परिसर में उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया गया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच धक्का-मुक्की देखने को मिली और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। इस घटना के बाद दोबारा सदन बुलाया गया जिसमें सत्तापक्ष के विधायक पहुंचे और इस कृत्य के लिए कांग्रेस के पांच विधायकों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
विपक्ष के निलंबित विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह सारा हंगामा विधानसभा के बाहर हुआ है इस पर सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए विपक्ष के विधायकों को निलंबित किया है। वह विधानसभा के बाहर बैठेंगे और सरकार की नीतियों का लगातार विरोध करते रहेंगे। अभी राज्यपाल ने अभिभाषण के 5 से 6 पेज ही पढ़ें थे जिसके बाद वह अंतिम पेज पर आ गए और अभिभाषण को समाप्त कर दिया गया।
विपक्ष की किसी प्रकार की कोई मंशा राज्यपाल के साथ बदसलूकी की नहीं थी। विपक्ष राज्यपाल के साथ बात करना चाहता जिसके नारेबाजी कर रहा था लेकिन इसी बीच भाजपा के विधायक व मंत्री औऱ डिप्टी स्पीकर वहां पर आकर धक्का मुक्की करने लगे। सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर विपक्ष की आवाज को दबान की कोशिश कर रही है। विपक्ष इस प्रकार के हथकंडे से डरने वाला नहीं है। सरकार में कोई भी अनुभव भी नेता नहीं है जिसके चलते विपक्ष को जो मान सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है।