हिमालयन क्षेत्र की सभ्यता संस्कृति और बोध धर्म के प्रचार -प्रसार को लेकर दो दिवसीय हिमालयन बुद्धिस्ट कॉनक्लेव की शुरुआत शिमला में हुई। इस कॉन्क्लेव में 30 से अधिक विद्वानों सहित कुल 100 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। दर्जन भर बुद्धिस्ट संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव में इंडियन हिमालयन फ़ॉर बुद्धिस्ट नालंदा ट्रेडिशन , इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन, हिमालयन बुद्धिस्ट कल्चरल एसोसिएशन और किन्नौर लाहौल स्पीति बौद्ध सेवा संघ शामिल है।
इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन के सिकरेट्री जनरल लामा डॉ. धम्मापिया ने कहा कि सभी संस्थाएं हिमालयन क्षेत्र में बोद्ध धर्म के प्रचार -प्रसार और चुनौतीयों पर चर्चा कर रही है। बोद्ध धर्म काफी प्राचीन है जो कि नालंदा गया से लेकर हिमालयन क्षेत्र में फैला हुआ था। लेकिन बाद में तिब्बत तक सिमट कर रह गया। बौद्ध धर्म मानव कल्याण की शिक्षा देता है। आज लोग पश्चमी सभ्यता की तरफ़ भाग रहे है। ऐसे में हिमालयन क्षेत्र की संस्कृति और बौद्ध धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है।