राजधानी शिमला के कोटखाई क्षेत्र की बड़ी पंचायतो में शुमार ग्राम पंचायत थरोला ठेकादार और विभाग की मिलीभगत से पीने के पानी को तरस रही हैं। थरोला गांव की जनता ने नाराजगी जताते हुए विभाग और ठेकादार के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं। पेयजल योजना में स्टोरेज टैंक बना है वहां से थरोला, बलोग, चाड़का, पडारा और घाटी गांव के लिए पानी की आपूर्ति होती हैं। जनता का आरोप हैं कि ठेकादार राजनीतिक रसूखदार हैं जिसके दवाब में आकर विभाग ने टैंक को भरने वाली मुख्य पाईप से ही ठेकादार को कनेक्शन दे दिया हैं।
पेयजल योजना का टैंक उक्त ठेकादार ने बनाया हैं और इसे निजी सम्पति समझ कर उपयोग कर रहा हैं जबकि विभाग आंखे मूंद कर देख रहा हैं। जनता को पानी की आपूर्ति के लिए स्टॉप कॉर्प लगाए गए हैं जबकि ठेकादार को विभाग ने इससे खुली छूट दे रखी हैं। जूनियर इंजीनियर को भी थरोला निवासियों ने शिकायत की लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि एसडीओ भी इस मामले पर पर्दा डाल रहे हैं।
जनता ने कहा कि उन्हें महीनें में 2 बार मात्र 200-300 लीटर पानी मिल रहा हैं जबकि उक्त ठेकादार 60% पानी और पांच गांवों के मात्र 40% पानी मिल रहा हैं। विभाग और ठेकादार की मिलभगत का खमियाज़ा पांच गांव को भुगतना पड़ रहा हैं। थरोला की जनता ने विभाग को चेतावनी दी है कि यदि विभाग ग़ैरकानूनी रूप से मुख्य लाईन में दिए हुए कनेक्शन को नहीं हटाती तो जनता धरने पर बैठेगी और क़ानूनी रूप से जो भी कार्रवाई बनती हैं वो भी की जाएगी।