समूचा विश्व आज महिला दिवस मना रहा है। जगह-जगह महिला दिवस पर विभिन्न औपचारिकताएं निभा कर इतिश्री की गई। महिलाओं की दशा को लेकर बड़े-बड़े भाषण भी हुए। लेकिन आज भी देश की माहिलाएं सुविधाओं के अभाव और पुरुष प्रधान देश में कई तरह की समस्याओं का सामना कर रही है। देश में महिलाओं के शोषण की खबरें आए दिन आती रहती हैं। मात्र एक दिन महिलाओं के नाम पर कार्यक्रम करने से महिला सशक्तिकरण नहीं होगा।
माहिलाएं आत्मनिर्भर बने और अपना काम करें इसके लिए उन्हें आर्थिक शक्ति प्रदान करनी होगी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नोफल संस्था ने जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनों का आवंटन किया। संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने बताया कि बड़े-बड़े कार्यक्रमों से हटकर यदि उसी पैसे से महिलाओं को रोज़गार से जोड़ने की कोशिश की जाए तो इससे बढ़कर महिला दिवस पर उनके लिए सबके बड़ा तोहफा होगा। जिसका नोफल ने प्रयास किया है।