हिमाचल प्रदेश में किसानों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है, जिससे किसानों की आय में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है। अब हिमाचल में किसान केसर की खेती कर सकते हैं। वैसे तो कश्मीर ही केसर की खेती के लिए प्रमुख माना जाता है, लेकिन अब हिमाचल में केसर की खेती की जाएगी।
दरअसल, केंद्र सरकार के खादी बोर्ड के सदस्य डॉक्टर विक्रम शर्मा ने हिमाचल में केसर की खेती के लिए पहल की है। एक वेब पोर्टल के मुताबिक, खेती की अहम बात ये है कि केसर की खेती बंजर जमीन पर भी की जा सकती है। ऐसे में हिमाचल के किसानों को ना केवल आर्थिकी में लाभ होगा, बल्कि वह आत्मनिर्भर भी हो पाएंगे।
डॉक्टर विक्रम शर्मा ने कहना है कि उन्होंने काफी शोध के बाद नतीजा निकाला है कि हिमाचल भी केसर की खेती के लिए उपयुक्त है। केसर के लिए प्रदेश के कई क्षेत्र उपयुक्त हैं। इसमें से मंडी जिले के करसोग, बालीचौकी, चच्योट और सिरमौर जिले के शिलाई और रेणुकाजी क्षेत्र में ट्रायल केसर लगाया जाएगा। ट्रायल के लिए सबसे ज्यादा महंगी किस्म के केसर के कंद मंगवाए गए हैं। अब सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और जल्द ही इसे ट्राई किया जाएगा।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में भारत में केसर की खेती केवल जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में की जाती है। जम्मू के केसर की कीमत तीन से साढ़े तीन लाख रुपये किलो है। जम्मू में सबसे बढ़िया और महंगी केसर की किस्म कश्मीरी मोंगरा है। फसल की बुआई में तकरीबन 15 से 20 हजार रुपये का खर्चा आता है। अगर, हिमाचल में भी केसर की खेती सफल रही तो जल्द ही यहां के किसानों को बड़ा लाभ होने वाला है।