पांडव काल के इतिहास से जुडा हुआ गसोता महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह तडके से ही भक्तजनों ने लंबी-लंबी लाइनों में लगकर स्वयं भू शिवलिंग की पूजा अर्चना की। वहीं, मंदिर में कोविड प्रोटोकाल के तहत लोगों ने मास्क लगाए रखे और कोविड गाइडलाइन का भी पालन किया। दोपहर तक मंदिर के बाहर लंबी लंबी लाइनों में लगकर श्रद्वालुओं ने गसोता महादेव में पिंडी के दर्शन किए।
मंदिर कमेटी एवं गउ सेवा आयोग के सदस्य आशीस शर्मा ने महाशिवरात्रि पर्व की बधाई देते हुए कहा कि मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड उमडी हुई है और पांडवों के समय के मंदिर में पूजा अर्चना की है। उन्होंने बताया कि स्वयं भूशिवलिंग की पूजा अर्चना से लोगों की मनोकामना पूरी होती है। उन्होंने बताया कि मंदिर में आगमी दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
मंदिर के महंत राघवानंद गिरि महाराज ने शिवरात्रि पर्व की बधाई दी और कहा कि शिवरात्रि प्रदेश वासियों की सुख समृद्वि की कामना करते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के दूर दराज से कोने कोने से श्रद्वालु सुबह से ही मंदिर में उमडा है और मंदिर प्रागंण में भक्त लंबी लाइनों में लगकर शिव पूजा के लिए आए हुए है।
मंडीः महाशिवरात्रि को पंचमुखी के दर हजारों लोगों ने टेका माथा, भक्तों ने की पूजा अर्चना
महाशिवरात्रि के दिन क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों, मन्दिरों में घंटियों और भजनों की आवाज गूंजती रही। आज महाशिवरात्रि पर्व के दिन पंचमुखी महादेव के मन्दिर में स्थानीय और आसपास के दूरदराज के क्षेत्रों से आए हुए हजारों लोगों ने भोलेनाथ के दर्शन किए तथा मंत्रोच्चारण द्वारा बिल्व पत्र भी चढ़ाए। मंदिर में चल रहे मेले में भी लोगों का भारी उत्साह देखने को मिला और लोगों ने काफी खरीदारी भी की।
मन्दिर में आए श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन करके भोलेनाथ का गुणगान किया लक्ष्मीनारायण मंदिर दलेड़ के महंत बाबा लालगिरि जी ने बताया की मंदिर परिसर में वीरवार दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और रात्रि के चार पहरी विशेष पूजा का आयोजन किया गया और श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन द्वारा यह पर्व बड़ी धूम से मनाया।
इसके आलावा क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिवेणी महादेव मंदिर, नागेश्वर महादेव मंदिर कुड,पंचमुखी महादेव लंगना, महामाया मंदिर लडभड़ोल में भी श्रद्धालुओं ने शीश नवा कर ॐ नमः शिवाय का जाप किया। शिवरात्रि के दिन त्रिवेणी महादेव मंदिर में शिवलिंग की पूजा-अर्चना की गयी तथा शिवलिंग का रुद्राभिषेक और रूद्रा यज्ञ किया गया मंदिर में पूरा दिन भंडारा चला रहा।