अक्सर आपने बाहरी राज्यों में पैदा हुए चीकू का स्वाद लिया होगा। लेकिन हमीरपुर जिला भी अब चीकू की खेती होना शुरू हो गई है। चीकू को यहां कामयाब कर हमीरपुर जिला के कोटला गांव के प्रशोत्तम शर्मा ने मिसाल पेश की है। उन्होंने बताया कि 15 साल पहले उन्होंने पंजाब राज्य के आदमपुर से चीकू के पौधों को लगाने के लिए खरीदा था। जिसमें से केवल एक पौधा ही कामयाब हो पाया जो आज चीकू की भरपूर फसल दे रहा है। इसको लेकर प्रशोत्तम शर्मा और परिवार के सदस्यों ने खुशी जाहिर की है।
किसान की माने तो उन्हें शुरू से ही बागवानी का शोक रहा है, जिसके चलते उन्होंने 15 साल पहले पंजाब राज्य के आदमपुर से कुछ चीकू के पौधे लाये थे। लेकिन जिसमें से कड़ी देखभाल कर एक पौधा कामयाब हो पाया है। इसने दो वर्ष बाद ही फल देना शुरू कर दिया है। अब यह पेड़ पूरी तरह से फलों से लद चुका है। उन्होंने अपने बगीचे में डेऊ, आम, संतरे, मौसमी, आमला और अनेकों प्रकार के फलिय पौधे लगाए हैं। वहीं प्रशोत्तम शर्मा की पत्नी गायत्री देवी ने बताया कि उन्होंने हमीरपुर जिला में कहीं भी चीकू का पेड़ नहीं देखा है। लेकिन उनके पति ने यह पेड़ उगाकर मिसाल पेश की है।
आपको बता दें कि चीकू भारत मे अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय भाग से लाया गया था। भारत मे चीकू में मुख्यतः गुजरात, महाराष्ट्र, कनार्टक और तमिलनाडु राज्यों में इसकी बड़े पैमाने में खेती की जाती है। लेकिन हिमाचल एक ठंडा प्रदेश है फिर भी किसान जगदीश शर्मा ने चीकू के पौधे को कामयाब कर दिखाया है। इसकी बागवानों द्वारा जमकर सराहना की जा रही है।