हिमाचल प्रदेश में ज्वालामुखी मंदिर में मुस्लिम समुदाय के 2 व्यक्तियों की नियुक्ति पर ट्विटर वॉर छिड़ गई है। भाजपा पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने एक ट्वीट किया है कि हिमाचल प्रदेश में प्रशासन ने गैर-हिंदुओं को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी मंदिर – एक शक्ति पीठ है। हिमाचल सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है। राजनेता और बाबू हिंदू मंदिरों को अपनी निजी जागीर के रूप में चलाते हैं। मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है और गैर हिन्दू लोगों को यहां नौकरी पर रखा गया है।
ऐसे में डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने भी उस ट्वीट का जवाब दिया है। राकेश प्रजापति ने कहा कि दोनों को पिछली सरकार द्वारा 2017 में मंदिर में नियुक्त किया गया। लोगों ने मंदिर के आसपास उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई, भले ही वे मंदिर के बाहर तैनात थे। इसलिए मैंने उन्हें 50 किलोमीटर मीटर दूर जिले में स्थानांतरित कर दिया। सांप्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें मुख्यालय में बुलाया गया है।