बीती दिनों पौंग बांध के 52 गेट से छोड़े गए पानी के कारण ब्यास दरिया में आई बाढ़ ने मण्ड क्षेत्र के दर्जनों गांव में तबाही मचाई है। लोगों की खेतो में लहलहाती फसलें तबाह हो गई हैं। किसानों की सालभर की कमाई पौंग बांध से छोड़े पानी में बह गई। बाढ़ ग्रस्त प्रभावित लोगों से मिलने के लिए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार रियाली पंचायत में पंहुचे और लोगों का दुख दर्द जाना । पानी से हुई तबाही में सबसे ज्यादा प्रभावित मण्ड, बहादपुर, बड़ाला, हल्ले, राजगिरि भटोली, मलाल, भोग्रवां आदि गांव हुए हैं।
स्थानीय किसानों ने अपना दुख दर्द सुनाते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष को बताया कि पौंग बांध से बीते दिनों छोड़े गए पानी के कारण उनकी खेतों में गन्ने की फसल, सरसों और गेंहू की फसल जिसकी मात्र 15 दिनों बाद कटाई होने वाली थी पानी के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गई है। पानी के कारण ट्यूबवेल में लगी मोटर जल गई मवेशियों के लिए लगाया गया चारा भी तबाह हो गया। किसानों की सालभर की कमाई पानी में बह गई किसानों पर लाखों का कर्ज है। उन्होंने बताया की इस बार की करीब 600 एकड़ से अधिक की भूमि में लगी करीब 3 से 4 करोड़ की फसल तबाह हो गई। इसके साथ गांव हलेड़ में ख्वाजा पुल का एक पिल्लर पानी के बहाव के कारण धंस गया जिस कारण पुल कभी भी धराशाई हो सकता जिस पर रोजाना हजारों लोग निकलते हैं।
उन्होंने पौंग बांध प्रशासन से मांग की है कि बांध से एक साथ छोड़े पानी के बजाय कम मात्रा में निरंतर पानी छोड़ा जाए ताकि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने ब्यास दरिया में करीब 200 मीटर लंबी टूटी धुस्सी को पक्का करने का आश्वासन दिया ताकि ब्यास का पानी इन बाढग्रस्त क्षेत्र में न पहुंच पाए। वहीं, बाढग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने बताया कि सरकार किसानों की फसलों के हुए नुकसान की तुरन्त प्रभाव से भरपाई करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पंचायती राज मंत्री से बात हुई है जल्द ही कमेटी बनाई जा रही है ।