हिमाचल में जेलों को आधुनिक रूप तो दे दिया गया है लेकिन, जेलों की सुरक्षा में तैनात गार्डों को आधुनिक हथियार मुहैया करवाने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। जेलों में बंद कैदियों की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के हाथों में पुराने जंग खाए हथियार ही नजर आते हैं। कुछ ऐसे ही हालात जिला कारागार धर्मशाला के भी हैं, जहां बंद 250 कैदीयों की सुरक्षा करीब 35 वर्ष पुरानी मस्कट राइफल से की जाती है। जिसके चलते जेल की सुऱक्षा राम भरोसे ही है।
यानी जरूरत पड़ने राइफल चलानी पड़े तो जवान को राइफल में एक-एक गोली डालनी पड़ेगी। अब ऐसे में जेल की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है। इसे लेकर जेल अधिकारियों ने अपने मुख्यालय को भी लिखा है, लेकिन आज दिन तक नए हथियार मिलना तो दूर, पुराने की संख्या भी नहीं बढ़ाई गई है।
जिला कारागार धर्मशाला की बात करें तो धर्मशाला जेल में विभिन्न आपराधिक मामलों में कैदी बंद हैं। सोचने वाली बात है कि यदि जेल में बंद कैदी जेल से भगाने की कोशिश करता है तो उसे पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।