भारतीय संस्कृति में किसी भी विवाह या खुशी के अवसर पर मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा है। लेकिन, अगर घर में किसी निमंत्रण पत्र के साथ आई मिष्ठान के डिब्बे पर बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का सामाजिक संदेश छपा हो तो ऐसा एक अनूठी पहल कहना गलत नहीं होगा। ऐसा डिब्बा पाने वाला पुलकित भी होता है और उस सोच का कायल भी होता है जिसने डिब्बे पर यह संदेश छपवाया है।
दरअसल, ऊना शहर के एक व्यवसायी प्रसिद्ध ओम भूजिया भंडार के एमडी और समाज सेवक हरिओम गुप्ता ने इस अनूठी पहल को अंजाम देकर समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता लाने का बीड़ा उठाया। इन्होंने अपनी बेटी के शादी के कार्ड में बेटी बचाओं अभियान के संदेश को छपवाया है जिसकी सराहना पूरे गांव में हो रही है। यही नहीं, हरिओम का अपना एक भुजिया भंडार भी है जिसमें उन्होंने मिठाई के डिब्बों में भी बेटी बचाओ का ये संदेश छपवा रखा है।
इस दौरान हरिओम गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र कोई भी हो, समाज के लिए काम करने की बेहतर सोच लागू करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजिक कार्यों से काफी लंबे समय से जुड़ा हूं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को लेकर की जा रही जागरूकता से प्रभावित होकर परिवार की सहमति से इस फैसले को लागू किया है। अब हमारे हर मिठाई के डिब्बे पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी है अनमोल का संदेश होगा।