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मंदिरों का सरकारी अधिग्रहण हिंदुओं को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं : देवेंद्र चौधरी 

बीरबल शर्मा |

मंदिरों का सरकारी अधिग्रहण हिंदुओं को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं है । ये बात मंडी में हिमाचल, हरियाणा, पंजाब के धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रशासन संपर्क प्रमुख देवेंद्र चौधरी ने कही । उन्होंने कहा की केंद्र व राज्य सरकारों ने हिंदुओं के मंदिरों का अधिग्रहण कर कुठाराघात किया है । इसके विपरीत सरकार ने मस्जिदों, चर्च और गुरुद्वारों का कहीं भी अधिग्रहण नहीं किया । मंदिरों से जो चढ़ावे का धन प्रशासन व सरकार के पास आता है वह ऐसी जगह लगाया जाता है जहां देश विरोधी गतिविधियां होती है । 

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसी विशेष समुदाय को उनकी धार्मिक यात्रा के लिए चंदा देती है तथा दूसरी ओर हिंदुओं को अपनी ही आस्था के प्रतीक मंदिरों में जाने व पूजा करने पर भी पाबंदियां हैं । सरकारों ने जो मंदिरों का अधिग्रहण किया है वह एक बड़े वर्ग के साथ सीधे तौर पर अन्याय है। देशभर के मंदिरों को सरकारी करण से मुक्त किया जाए तथा इन्हें हिंदुओं के बनाए हुए ट्रस्ट को सौंप देना चाहिए ताकि जो हिंदू अपने मंदिरों में चढ़ावा चढ़ाते हैं उस धन से गरीब हिंदुओं की मदद की जा सके । 

देवेंद्र चौधरी ने कहा कि इस धन से गुरुकुल, गौ सदन, अस्पताल और अन्य सेवा कार्य किए जा सकते हैं जिससे आने वाले युवाओं को देश भक्ति से ओतप्रोत करके उन्हें अपनी सनातन संस्कृति से अवगत करवाया जा सके ।उन्होंने कहा कि देशभर का हिंदू अब जाग चुका है तथा जो शोषण पूर्व की कांग्रेस सरकार ने किया है वह अब नहीं होने दिया जाएगा । सरकारी अधिग्रहण होने से ना तो मंदिरों का रखरखाव हो रहा है और ना ही नियमित रूप से पूजा-अर्चना हो रही है।