अनुराग ठाकुर का धर्मशाला दौरा रद्द हो गया है और कांग्रेस गदगद हो गई है। शुक्रवार देर रात दिल्ली से यह संदेश धर्मशाला पहुंचा कि ठाकुर को अचानक असम जाना पड़ रहा है। लिहाजा अब माहौल यह बन गया है कि जनता की तरफ से जिस लिहाज की उम्मीद भाजपा को दिख रही थी, उस पर संशय के बादल छा गए हैं।
दरअसल, धर्मशाला नगर निगम में फिलहाल कांग्रेस की तरफ से मिल रही तगड़ी टक्कर से बचने के लिए हिमाचल भाजपा ने ठाकुर नाम का ब्रह्मास्त्र चलाने की योजना बनाई हुई थी। आज तय कार्यक्रम के मुताबिक ठाकुर के चार जगहों पर कार्यक्रमों का ई-पोस्टर भी जारी कर दिया था। पर अचानक गिरी गाज ने भाजपा को फिलहाल सदमे में डाल दिया है।
आम विधानसभा चुनावों की तरफ बढ़ रही जयराम सरकार को जिस तरह से विरोधी पक्ष की तरफ से चुनौती मिलनी शुरू हुई है,वह कई मायनों में हैरान करने वाली है। सियासी माहिर भी यह कबूल रहे हैं कि मोदी मैजिक के दौर में भी जिस तरह के भाजपा के प्रति खिन्नता का माहौल बन चुका है,वह हिमाचल भाजपा और सरकार के लिए सुखद संकेत नहीं है। सत्ता पक्ष से अलगाव की भावना पनपना कोई नई बात नहीं है,मगर वक़्त से पहले सरकार के लिए अलगाव के संकेत उभरना 2022 के लिए बड़ा अलार्मिंग सिग्नल जरूर हैं।
अभी के माहौल में खास बात यह भी है कि जनता का पलड़ा कांग्रेस की तरफ झुकने की वजह यह नहीं है कांग्रेस कोई बहुत बड़ी ताकत बन चुकी है या फिर वो कोई करिश्मा कर रही है। इस बाबत सियासी माहिर कहते हैं कि यह भाजपा की लीडरशिप का जनता के प्रति लापरवाह रवैया है। हिमाचल की भाजपा सरकार और संगठन इस मुगालते में हैं कि मोदी है तो वापसी भी मुमकिन है।