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अब 15 अप्रैल हिमाचल दिवस वाले दिन पर टिकी NPS कर्मचारियों की नजर

पी. चंद |

जिला कांगड़ा में नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान राजिन्दर मन्हास एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरभ वैद्य ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हिमाचल के एक लाख एनपीएस कर्मचारियों को अब 2009 की अधिसूचना की अंतिम आ, अब 15 अप्रैल हिमाचल दिवस बाले दिन पर है। क्यूंकि बजट सत्र से कर्मचारी खासा खफा हैं।  केंद्र की 2009 की अधिसूचना के तहत एनपीएस कर्मचारी की  सेवा के दौरान मौत या उसके अपंग होने पर परिवार को पेंशन का प्रावधान है।  जिला प्रधान ने कहा कि बजट सत्र के दौरान कर्मचारियों ने इस मांग को लेकर 14 दिन शिमला में धरना प्रदर्शन किया है और उन्हें आश्वासन मिला था कि  जल्द  इस अधिसूचना को जारी कर दिया जाएगा। इसी आस में अब कर्मचारियों को आशा है कि 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री इस अधिसूचना को जारी करेंगे।

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन हर तरह के संघर्ष के लिए और सरकार के स्वागत के लिए दोनों तरह से तैयार है। 18 अप्रैल को संगठन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक भी रखी गई है। अगर 15 अप्रैल को सरकार इस अधिसूचना को जारी करती है तो 18 अप्रैल को सरकार का धन्यवाद करने और स्वागत करने की रणनीति इस बैठक में बनाई जाएगी। यदि यह अधिसूचना जारी नहीं हुई तो आगामी संघर्ष और तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के कर्मचारियों से किये गए  कई वायदे अभी तक अधूरे हैं।

जिला प्रधान ने कहा कि फतेहपुर उप चुनाव और मंडी का लोकसभा का उप चुनाव भी आगामी कुछ माह में होना है और कर्मचारी अभी तक हुई अपनी अनदेखी से सरकार से नाराज है। हालांकि सरकार ने जेसीसी के संकेत देकर स्थिति सुधारने की कोशिश जरूर की है लेकिन 2009 की अधिसूचना को अगर सरकार जेसीसी में देना चाहती है तो तब तक बहुत देर हो चुकी होगी और जिसका खामियाजा अगले दोनों उप चुनाव में सरकार को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि 2009 की अधिसूचना को अब केंद्र रूल बना चुका है जिसे राज्य सरकारों को लागू ही करना पड़ेगा।  तो ऐसे में प्रदेश सरकार अब ज्यादा देरी ना करे नही तो नतीजे गंभीर भी हो सकते हैं।

हालांकि प्रदेश सरकार ने 2017 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को ग्रेजुटी का लाभ देकर थोड़ी राहत जरूर पहुंचाई है। लेकिन उस अधिसूचना को अफसरशाही ने एक साल लटकाए रखा  जिससे जयराम सरकार को इसका ज्यादा क्रेडिट नहीं मिल पाया। अब 2009 की अधिसूचना को भी जेसीसी तक ऐसे ही लटकाया जाएगा तो एनपीएस कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ेगा। जिला प्रधान ने कहा की सरकार को ग्रास रूट से जानकारी जुटा कर कर्मचारियों के हित में तत्काल फैंसले लेने होंगे क्योंकि कुछ चीजें अक्सर जैसी दिखती है वैसी होती नहीं है।