हिमाचल प्रदेश में सोमवार को विधानसभा चुनाव की परिणाम आने वाले हैं। इसी बीच अब नेताओं का मंदिर में हाजिरी भरने के बाद जीत के जश्न का सामान इक्टठा होने लगा है। जीत का जश्न शराब-बकरों की धाम के साथ ना हो तो शायद जश्न अधूरा माना जाता है। लेकिन, नतीजों के दौरान बकरे का मांस अहम भूमिका निभा रहा है और इसकी डिमांड बढ़ रही है।
दरअसल, मंदिर में दुआएं मांगने के बाद हमीरपुर में कई प्रत्याशियों ने अब जीत की तैयारियां शुरू कर दी है और इनमें बहुत से नेताओं की करिंदे बकरों की खोज करते नज़र आ रहे हैं। सोमवार के दिन के लिए बोटी-चरोटी तो सब मिल चुके हैं, लेकिन इंतजार है तो सिर्फ बकरों का और आने वाले नतीजों का। नतीजें तो 18 दिसंबर को ही आएंगे, लेकिन उससे पहले बकरे ना मिलना इन करिंदों की परेशानी का कारण बने हुए हैं।
वहीं, हिमाचल के उपरी क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते गद्दी भी अपने माल के साथ निचले हिमाचल में हैं और जब उनके माल की डिमांड चुनावों में पड़ जाए तो सोने पर सुहागे वाली बात हो जाती है। लेकिन, बकरों में कमी होने के कारण सोमवार को बकरे के मांस में भारी उछाल होगा। इस व्यापार से जुड़े लोगों को कहना है कि माल सोमवार को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा और कीमत को डबल कर दिया जाएगा। अनुमान लगाते हुए व्यापारियों ने कहा कि इस बार 68 विधानसभाओं की मार लगभग 10 हजार बकरों पर पड़ने वाली है।