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चहेतों को नौकरियां देने के लिए बीजेपी सरकार और विवी प्रशासन ने नियमों को किया दरकिनार, SFI ने उठायी न्यायिक जांच की मांग

पी. चंद |

एसएफआई राज्य कमेटी के द्वारा प्रदेश की राजधानी शिमला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला व हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में की जा रही शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया और इसके खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय व प्रदेश विश्वविद्यालय में में हो रही शिक्षकों की भर्तियां सवालों के घेरे में है। आरक्षण को लेकर बनाए गए संवेधानिक नियमो को इन भर्तियों में दरकिनार किया गया है। जिसके चलते कुछ विभागों में या तो सारी सीटें आरक्षित रखी गई है या फिर सारी सीटें अनारक्षित की गई है। इन विभागों में अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए पहले ही चयनित किया गया है साक्षात्कार महज औपचारिकता के लिए आयोजित किए जा रहे है।

एसएफआई ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को भर्ती कर रही है इन भर्तियों के लिए जो स्क्रूटिनी कमेटी भी गठित की गई है वो भी संशय पैदा करने वाली है क्योंकि इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के विभाग प्रमुख व वरिष्ठ प्राध्यापकों  को नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय के बाहर से लोगो को कमेटी में रखा गया है जो कि  यूजीसी के नियम व निर्देशों के खिलाफ है। 

उन्होंने कहा कि ऐसा इएलिये हो रहा है ताकि आरएसएस भाजपा समर्थित अयोग्य लोगों को भर्ती किया जा सकें। सरकार अपने चहेतों को भर्ती करवाना चाहती है। एसएफआई विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि अगर आने वाले समय में इन धांधलियों की न्यायिक जांच की जाए अगर इन धांधलियों की न्यायिक जांच नहीं कि गई तो आने वाले समय मे एसएफआई प्रदेश के छात्र समुदाय की लामबद्ध करते हुए एक प्रदेशव्यापी आंदोलन के अंदर जाएंगे जिसका जिम्मेदार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।