हिमाचल प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों की तरफ मालवाहक वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह भर-भर कर रुख करने वाले श्रद्धालुओं को अब ऊना जिला के रास्ते हिमाचल प्रदेश में किसी कीमत पर प्रवेश नहीं मिलेगा। पुलिस कप्तान के आदेशों के बाद आज सुबह ही सीमाओं पर हिमाचल पुलिस ने पहरा और कड़ा कर दिया है और श्रद्धालुओं से भरे ऐसे वाहनों को अब प्रदेश की सीमाओं के बाहर से ही वापस भेज दिया जा रहा है। इस तरह के वाहनों में मवेशियों की तरह भर-भर कर आने वाले श्रद्धालु एक तरफ जहां अपनी जान को जोखिम में डालते हैं, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं के इस तरह आने से कोविड-19 संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसी दृष्टि से जिला पुलिस ने पंजाब से सटे तमाम बॉर्डर्स पर पुलिस बल की तैनाती करते हुए कड़ाई से इस स्थिति से निपटने का फैसला लिया है।
पुलिस के एक्शन में आने के बाद बुधवार सुबह हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार मैहतपुर में श्रद्धालुओं के भरे दर्जनों मालवाहक वाहनों को वापस भी लौटाया गया। हालांकि दूरदराज के राज्यों से आए कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस से नोकझोंक भी की और आंशिक रूप से सड़क को बाधित करने का प्रयास भी किया। लेकिन पुलिस ने फौरन स्थिति को संभालते हुए यातायात सुचारू किया। श्रद्धालुओं का कहना था कि वो राजस्थान और यूपी जैसे दूरदराज से क्षेत्रों से धार्मिक स्थलों में दर्शनों के लिए आये है लेकिन यहां पर उन्हें रोक दिया गया है जिससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, डीएसपी ऊना रमाकांत ठाकुर ने बताया कि जिला ऊना में श्रद्धालुओं से मालवाहक वाहनों का प्रवेश नहीं हो पायेगा और इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल की पंजाब के साथ सटी सीमाओं पर तैनाती भी कर दी गई है। रमाकांत ने कहा कि मालवाहकों में सवारी करना अपनी जान को जोखिम में डालना तो है ही इसके अलावा इन वाहनों में समाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो पाता है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। मैहतपुर बॉर्डर पर श्रद्धालुओं द्वारा जाम लगाने का प्रयास किया था लेकिन इन्हे धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए बसों में सफर करने की हिदायत दे दी गई है।