शिमला के डोडरा क्वार में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। मौके पर डीसी शिमला मौजूद रहे और उन्होंने बताया कि लड़कियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है ताकि समाज में लड़कियों के जन्म के प्रति नकारात्मक सोच को बदला जा सके।
उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि बेटा और बेटी में किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें। वर्तमान समय में बेटियों ने अपनी योग्यता से न केवल अपने माता-पिता बल्कि देश व प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है। समाज में ऐसे बहुत से उदाहरण है कि बेटियां बेटों की अपेक्षा ससुराल में अपने सास-ससुर और वृद्धावस्था में अपने माता-पिता का सहारा भी बनती है। समाज में बेटियों के उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि समाज में सकारात्मक संदेश पहुंच सके।
उन्होंने महिलाओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर उपायुक्त ने 15 नवजात बच्चियों की माताओं को सम्मानित किया तथा छः माह से अधिक कन्या को अन्न प्राश्न भी करवाया।