मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज सोलन जिले के ट्रेड सेंटर बद्दी में हितधारकों के साथ एक समीक्षा बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार लोगों को शिक्षित करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है ताकि वे फेस मास्क पहनने और उचित पारस्परिक दूरी बनाए रखने जैसे सुरक्षा उपायों को नियमित रूप से अपनाएं। राष्ट्र ने साहसपूर्वक कोरोना महामारी की पहली लहर की चुनौती का सामना किया जिसका श्रेय देश मजबूत एवं सक्षम राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा समय पर लिए गए निर्णयों और लोगों से मिले सक्रिय सहयोग को जाता है। अब कोविड-19 महामारी के मामलों में दूसरी बार आया उछाल अधिक खतरनाक और चुनौतीपूर्ण है। इस साल 23 फरवरी को राज्य में केवल 218 सक्रिय कोविड-19 मामले बचे थे जबकि आज यह संख्या 7700 के स्तर को पार कर गई है। इस वायरस के कारण राज्य में पिछले 50 दिनों के दौरान लगभग 200 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। केवल बीस दिनों में ही सक्रिय मामलों का आंकड़ा 2000 के पार हुआ है जो एक गंभीर विषय है। यह वायरस बहुत तेज गति से फैल रहा है इसलिए हममें से प्रत्येक को अधिक सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब राज्य में वायरस के पहले मामले का पता चला था तब यहां केवल 50 वेंटिलेटर थे, लेकिन आज 600 से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। राज्य के पास पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध हैं और हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं। सभी हितधारकों जैसे कि गैर सरकारी संगठनों, औद्योगिक संघों, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, महिला मंडलों, युवक मंडलों ने इस महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह समय की जरूरत है कि सभी हितधारक एक बार फिर इस महामारी से लड़ने के लिए उसी समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करें। सोलन जिले में 1380 सक्रिय मामलों में से 1337 होम आइसोलेशन में हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के परिवार के सदस्यों और डाक्टरों, आशा कार्यकर्ताओं के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करें। इससे इन मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और जनता के बीच भी तनाव पैदा होता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में उनके दौरों का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करना है। उन्होंने लोगों से इस महामारी से लड़ने में राज्य सरकार की मदद के लिए आगे आने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों, शहरी स्थानीय निकायों और उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की और उनसे स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और होम आइसोलेशन के रोगियों के साथ बेहतर समन्वय रखने का आग्रह किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने नालागढ़ में प्री-फैब्रिकेटेड मेकशिफ्ट कोविड-19 अस्पताल का दौरा भी किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा की विशिष्टता है कि लोग किसी भी संकट और महामारी से एकजुट होकर लड़ते हैं क्योंकि हमारी संस्कृति सभी का भला करने में विश्वास रखती है। इस महामारी ने हम सभी को सामूहिक रूप से लड़ने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। लोगों को फेस मास्क के उपयोग, उचित पारस्परिक दूरी बनाए रखने के साथ-साथ टीकाकरण के लिए सक्रिय रूप से आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य के लोगों को 11.87 लाख से अधिक खुराक दी जा चुकी है। दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने इस वायरस के प्रसार की जांच के लिए ठोस कदम उठाने और प्रदेश के लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि राज्य आजएक कठिन दौर से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं जमीनी स्तर पर कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्य के प्रत्येक जिले का दौरा कर रहे हैं। वर्तमान में राज्य में 7711 सक्रिय मामले हैं और मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं। इनमें से 8 से 10 प्रतिशत लोग अस्पतालों में और शेष होम आइसोलेशन में हैं। इस स्थिति पर नजर रखना और राज्य को इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रणाली और दिशा-निर्देशों का पालन कड़ाई से पालन करना चाहिए और दूसरों भी इस बारे में प्रेरित करना चाहिए।
उपायुक्त सोलन के.सी. चमन ने जिले में कोविड-19 स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि लोगों को इस वायरस से बहुत सचेत होकर रहना चाहिए। जिला प्रशासन ट्रैकिंग, परीक्षण और इलाज पर जोर दे रहा है। प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तर क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं तैयार हैं। जिला में टीकाकरण बढ़ाने के लिए भी जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिले में लोगों को लगभग 82,027 खुराकें दी जा चुकी हैं। औद्योगिक इकाइयों के कर्मचारियों और श्रमिकों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में विभिन्न हितधारकों, गैर सरकारी संगठनों, महिला मंडलों, युवक मंडलों और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के प्रयास किए जा रहे है। होम आइसोलेशन में मरीजों की उचित देखभाल की जा रही है। होम आइसोलेशन में मरीजों पर नजर रखने के लिए टीमों का गठन किया गया है। कोविड के कारण जिले में मृत्यु दर 0.84 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम है।