वीकएंड पर दो दिन के लॉकडाउन के दूसरे चरण में शनिवार को मंडी में कर्फ्यू जैसे हालात रहे। बाजार पूरी तरह से सूने रहे। ऐसा दृश्य तो आम दिनों में रविवार को भी नहीं देखा गया। बहुत की कम केवल जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुली रही मगर ग्राहक वहां पर भी नगण्य ही रहे। शनिवार सुबह तेज चटक धूप थी और दोपहर होते होते खूब गर्मी भी होने लगी। एक तरफ लाकडाउन तो दूसरी तरफ तेज धूप से ऐसा दृश्य बना कि सड़कों पर कोई भी व्यक्ति नजर न आए। वाहन भी इक्का दुक्का ही चलते रहे।
शहर से गुजरने वाले नेशनल हाइवे चंडीगढ़ मनाली पर भी सूनापन ही रहा क्योंकि बाहर से न तो लोग ही आ रहे हैं और पर्यटक ही आने का जोखिम उठा रहे हैं। शहर के लोग जो अक्सर इस तरह की छुट्टी या लाकडाउन में कहीं घूमने फिरने निकल जाते थे ने भी बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में एक अजब स्थिति एक साल के बाद देखने को मिली। पिछले इन्हीं दिनों कोरोना के चलते कफर््यू व लाकडाउन चल रहा था और अब वहीं हालात फिर से नजर आने लगे हैं। मंडी जिले में कोरोना रिकार्ड स्तर पर जाने लगा है ऐसे में लोग सहमे हुए हैं और बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।
प्रशासन ने जो लॉकडाउन का एलान व अपील की थी वह पूरी तरह से सफल होती दिखी। पुलिस को भी ज्यादा मेहनत लोगों को रोकने में नहीं लगी क्योंकि लोग खुद ही कोरोना की दूसरी लहर को ज्यादा खतरा मान कर घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। कारोबार के ठप रहने से मजदूर वर्ग व रेहड़ी फहड़ी वालों के लिए काफी मुसीबत नजर आई क्योंकि गांव से खुद निर्मित सामान व सब्जी भाजी लाकर शहर बेचने वालों का माल नहीं बिका। लोग बहुत ही कम तादाद में खरीददारी को निकले। मजदूर वर्ग भी काम के लिए भटकता रहा। इन दिनों जिले में शादियों के बेतहाशा मुहूर्त हैं मगर बंदिशों व सख्ती के चलते सब चुपके से ही निपटाना पड़ा। कोई शोर शराबा व धाम डीजे डॉंस व दिखावा नजर नहीं आया। इससे भी कारोबार में बेहद मंदी आई।
दोपहर बाद अचानक बदले मौसम के तेवर
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद अचानक चटक धूप के बीच ही आसमान में बादल छाने लगे। तीन बजे तक मौसम ने अपना रंग दिखा शुरू किया और तेज हवाओं के साथ छींटे पड़़ने शुरू हो गए। कुछ ही देर में बारिश भी होने लगी। चार बजते बजते तो दिन में ही अंधेरा हो गया। वाहन चालकों को लाइटें जलाकर वाहन चलाने पड़े। लोगों को भी अपने घरों में दिन में ही लाइटें जलानी पड़ी। आसमान भी खूब गरजा। आसमानी बिजली की गड़गड़ाहट डरावने स्तर पर पहुंचती रही। आठ दिन के अंतराल के बाद शनिवार को हुई बारिश से जहां मौसम काफी कूल कूल हो गया वहीं कई जगहों पर गंदम की फसल कटाई व थ्रैसिंग भी प्रभावित हुई।