राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राज्य के छह सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बाचतीत करते हुए कोविड महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थितियों पर चर्चा की। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर की गई तैयारियों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि सामाजिक उत्तरदायित्व का पालन करने के अतिरिक्त वे शिक्षण अनुसूचि को भी प्राप्त करने के प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को जिला प्रशासन को सहयोग देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। युवा टीकाकरण और मास्क के उपयोग अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने और कोविड से बचाव से संबंधित अन्य जानकारी साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कोविड महामारी से लड़ने में टीकाकरण एक प्रभावी हथियार साबित हो रहा है और इस अभियान को तेजी दी जानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को जिला रेडक्रॉस के माध्यम से भी जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए आगे आने को कहा।
दत्तात्रेय ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाना चाहिए और प्रयास किए जाएं कि यह कार्य निर्बाध रूप से जारी रहे। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से आपसी सहयोग एवं समन्वय के साथ कार्य करने और शोध, नवीनीकरण और प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे के साथ बांटने का आह्वान किया। समाज में कोविड महामारी के कारण तनाव के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए विश्वविद्यालय स्तर पर परामर्श सुविधा बढ़ाई जानी चाहिए। विशेष तौर पर कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय किसानों की सहायता कर सकते हैं।
कुलपतियों ने यूजीसी द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर विश्वविद्यालय में शिक्षण और गैर-शिक्षण गतिविधियों की वर्तमान स्थिति के बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण और पिछले एक वर्ष में किए गए प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कोविड देखभाल गतिविधियों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की भागीदारी का भी ब्यौरा दिया। सभी कुलपतियों ने इस अवसर पर वर्तमान परिस्थिति से निपटने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।