छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय द्वारा दयानंद स्कूल की फीसों के संदर्भ में जारी की गई अधिसूचना का स्वागत किया है। लेकिन साथ ही बढ़ी हुई फीसों पर लगाम लगाने की मांग की है। मंच ने ऐसी ही अधिसूचना सभी निजी स्कूलों के लिए जारी करने की मांग की है।
मंच के संयोजक और सदस्यों ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि निजी स्कूलों में बगैर जनरल हाउस की इज़ाज़त के 2020 औऱ 2021 में की गयी भारी फीस बढ़ोतरी को अगर वापस न लिया गया तो आंदोलन तेज होगा। शिक्षा विभाग का दयानंद स्कूल के संदर्भ में जारी किया गया लिखित आदेश तभी मायने रखता है अगर शिक्षा अधिकारी 5 दिसम्बर 2019 के आदेश को अक्षरशः लागू करवाने में सफल होते हैं।
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उन्होंने कहा है कि ऐसा ही आदेश सभी निजी स्कूलों के लिए तुरन्त जारी होना चाहिए ताकि भारी फीसों पर लगाम लग सके। उन्होंने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरन्त दयानंद पब्लिक स्कूल औऱ अन्य सभी निजी स्कूलों में पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना 2019 में जारी हुई थी औऱ इसमें स्पष्ट किया गया था कि 2020 औऱ उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद भी डीपीएस स्कूल और अन्य स्कूलों ने 2020 में फीस बढ़ोतरी की।
2021 में भी सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए ट्यूशन फीस में भारी-भरकर बढ़ोतरी करके सीधे पचपन प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी। डीपीएस प्रबंधन ने नर्सरी और केजी कक्षा की फीस को एक हज़ार नौ सौ से बढ़ाकर दो हज़ार आठ सौ पचास रुपये कर दी। ऐसी ही बाकी क्लासिस के भी फीस बढ़े हैं। इस तरह वार्षिक बारह हजार रुपये से पन्द्रह हज़ार रुपये की ट्यूशन फीस बढ़ोतरी की गई है। यह पूर्णतः छात्र और अभिभावक विरोधी कदम है।