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दूसरों की जीत का जश्न न मनाएं नेता प्रतिपक्ष और राठ़ौर, अपनी स्थिति को देखें: सत्ती

पी. चंद |

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस नेताओं पर पलटवार किया। सत्ती ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और कुलदीप राठ़ौर ये बताएं कि वे किसी बात की ख़ुशी मना रहे हैं। कांग्रेस का ममता बनर्जी से क्या लेना देना और अगर कांग्रेस इसी प्रकार की खुशी मानना चाहती है तो बाकी प्रदेशों में भी कांग्रेस की इसी प्रकार की दुर्गति हो इसके लिए कांग्रेस को बधाई। कांग्रेस अपने बारे में बात करे, दूसरों की जीत की खुशी ना मनाए। वर्तमान 5 राज्यों के चुनावों के बारे में बात की जाए तो भाजपा का कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन रहा है।

पश्चिम बंगाल के चुनावों में ममता बनर्जी जो कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही थीं वह नंदीग्राम से हारी हैं। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ममता बनर्जी ने लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संपर्क साध कर रखा कई रैलियां भी रद्द हुई थी। कांग्रेस यहां पर 92 सीटों पर चुनाव लड़ी और खाता भी नहीं खोल पाई। भाजपा 2016 में 3 सीटों पर विजय प्राप्त करके बैठी थी और आज 77 सीटों पर पहुंची है। भाजपा का वोट शेयर लगभग 40 प्रतिशत पहुंच गया है और कांग्रेस का 1 प्रतिशत भी नहीं।

2016 की तुलना में कांग्रेस 44 सीटों पर जीती थी और अब वह शून्य पर है। इसी प्रकार वामपंथी भी पश्चिम बंगाल से समापन की ओर बढ़ रहे हैं। जिस प्रकार से बीजेपी का ग्राफ बढ़ रहा है अगली बार पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत निश्चित है। केरला जहां से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी स्वयं सांसद के रूप में जीतकर आए हैं वहां से भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। अगर यही परिस्थिति रही तो अगली बार राहुल गांधी भारत में नई सीट पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस केरल में केवल 21 सीटों पर सिमट कर रह गई है।

उन्होंने कहा की असम जैसा प्रदेश जो एक समय पर कांग्रेस का गढ़ माना जाता था वहां पर भाजपा को दूसरी बार भारी बहुमत मिला है। 2011 में भाजपा के पास 26 सीटें थी 2016 में यह 60 की बढ़त से 86 पहुंची और इस बार एक बार फिर असम की जनता ने भाजपा को जिताया है। कांग्रेस की लोकप्रियता यहां घटती चली जा रही है। 2011 में कांग्रेस के पास 78 सीटें थी जो कि 2016 में 26 सीटें रह गई।

पांडिचेरी में भाजपा ने इतिहास दर्ज किया है इस बार पहली बार भाजपा की सशक्त सरकार पांडिचेरी में बनी है। भाजपा की इस बार 16 सीटें आई है जो कि 2016 की तुलना में 10 से ज्यादा है। यहां कांग्रेस के पास 2016 में 15 सीटें थी जो कि अब केवल 2 ही रह गई है। कांग्रेस पार्टी अपनी चिंता करें और भाजपा की चिंता छोड़े , भाजपा एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है जो कि अपने आप में बहुत मजबूत है और हर चुनाव में भाजपा का वोट शेयर बढ़ता ही चला जा रहा है।