जिला शिमला के कोटखाई के गांव कथानरी की प्रतिभा चौहान ने डॉक्टरी के पेशे को छोड़ प्रोवेशनर डीएसपी बन एक मिसाल पेश की है। ये इनका देश सेवा का ही जज्बा है जिसने प्रतिभा को पुलिस अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने डॉक्टरी छोड़ देश की सेवा करने की ठानी। बता दें कि प्रतिभा की पासिंग आउट परेड की रस्म बाकी थी, जो शुक्रवार को पूरी हुई।
प्रतिभा इन दिनों अपना प्रोवेशन पीरियड सोलन में पुलिस विभाग में सेवा देकर पूरा कर रही हैं। प्रतिभा का कहना है कि देश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। वहीं, प्रतिभा ने कहा कि मैने पुलिस विभाग को इसलिए चुना क्योंकि मैं प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में समाज सेवा करना चाहती हूं।
28 वर्षीय प्रतिभा ने बताया कि उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई सोलन स्कूल में पूरी की, जबकि जमा दो चंडीगढ़ से की। 2008 में एमबीबीएस के लिए चयनित हुईं। चंडीगढ़ कॉलेज से वर्ष 2013 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अध्यापन कार्य में लगी रहीं और वर्ष 2014 में डीएसपी प्रोवेशनर की परीक्षा में पास हो गईं। 2015 में वह पीटीसी में बतौर परिवीक्षाधीन रहीं और बीते साल उनका प्रशिक्षण पूरा हो गया था।
प्रतिभा के पिता राजेंद्र चौहान वन विभाग में अधीक्षक हैं और उनकी माता अंजली गृहिणी। छोटे भाई प्रणव चौहान इंजीनियर हैं। प्रतिभा ने मैदानी प्रशिक्षण में अव्वल रहने का सारा श्रेय पीटीसी के प्रशिक्षक एसआई भीम सिंह को दिया।