हिमाचल प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस महिने के अंत तक पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकता है। मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में स्पेशल जज संतोष स्नेही मन की अदालत में मामले में आरोपी एलआइसी एजेंट आनंद चौहान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने यह जानकारी दी।
ईडी ने कहा कि पूरा मामला निर्णायक स्थिति में है और इस समय आरोपी को जमानत दी गई तो वह सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। जमानत याचिका पर कोर्ट 23 दिसंबर को फैसला दे सकता है। ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील एनके मेहता ने कहा कि एजेंसी महिने के अंत तक मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दी जा चाहिए।
आनंद चौहान की वकील रेबेका जॉन ने कहा कि कई महीने तक जमानत याचिका का विरोध करने के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय अब तक याची के खिलाफ चार्जशीट तक दायर नहीं कर सका। जमानत याचिका में आनंद चौहान ने दावा किया कि उसके खिलाफ अब कोई भी जांच बाकी नहीं है।
वह एक साल से अधिक का समय जेल में काट चुका है, ऐसे में उसे जमानत दी जाए। ज्ञात हो कि जांच में सहयोग न करने पर ईडी ने नौ जुलाई, 2016 को आनंद चौहान को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। ईडी ने चार्जशीट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ आनंद को भी आरोपी बनाया था।