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2017 की चुनावी जीत ने राणा का ग्राफ उठाया

समाचार फर्स्ट |

इस बार विधानसभा चुनाव में हुए उलट-फेर ने कई बड़े नेताओं की धूल चटा दी है। लेकिन, बड़े नेताओं की छुट्टी असल में विपक्ष प्रत्याशी नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता ने की है और ये जनता किसी की सपोटर नहीं, बल्कि बड़े नेताओं का नेगटिव वोटर था जो बदलाव चाहता था। लेकिन, इसी कड़ी में एक नेता ऐसा भी है जिसने फुल कॉन्फिडेंट होकर बीजेपी के सीएम कैंडिडेट धूमल को मात दी और प्रदेश कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं में शुमार हो गया।

जी हां, चुनावी प्रचार से ही जीत का दावा करने वाला सुजानपुर से विजयी प्रत्याशी राजेंद्र राणा अब कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं में शुमार हो चुके हैं। धूमल की हार उनके दिग्गज नेता बनने के लिए अहम भूमिका निभा रही है औऱ पूरे प्रदेश में उनकी पैठ उच्च स्तर की हो गई हैं। ये वही राजेंद्र राणा हैं जो किसी समय धूमल के चेले माने जाते थे और राजनीति में धूमल को उनके गुरु थे।

दरअसल, 2007 के चुनाव में टिकट ना मिलने से नाराज राजेंद्र राणा ने 2011 में बीजेपी का दामन छोड़ दिया और 2012 के चुनाव में आजाद प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। जीत दर्ज करने के बाद 2014 में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव में अनुराग ठाकुर से हार गए। इसके बाद आज 2017 के चुनावों में उन्होंने अपने उसी गुरू को चुनावी दंगल में ढेर कर दिया, जिसने उन्हें टिकट देने से इंकार किया था।.

लिहाजा, अब दौर ऐसा आ चुका है कि नेता ही नहीं, बल्कि वोटर भी काफी समझदार है। लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले राजेंद्र राणा को सुजानपुर की जनता ने जीत दिलाई है, जिससे ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में अच्छा नाम कमाया है। खैर जो भी हो लेकिन 2017 का ये विधानसभा धूमल और राजेंद्र राणा के लिए यादगार रहेगा और लोग भी एक अच्छे चेले की मिसाल इस चुनाव के माध्यम से देंगे।