शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सेब सीजन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने सेब सीजन के दौरान सुचारू संचालन और बागवानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश से सभी विभागों को समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। भारद्वाज ने कहा कि इस साल जिला में 1 करोड़ 98 लाख 94 हजार से अधिक पेटी सेब होने का अनुमान है, जिसे मण्डियों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त वाहन सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में अधिकारी अपने क्षेत्र के बागवानों, ट्रक तथा पिकअप ऑपरेटर यूनियन से समन्वय स्थापित कर भाड़ा निर्धारित करना सुनिश्चित करें। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि कोई निर्धारित मूल्यों से अधिक भाड़ा न वसूले तथा किसानों और बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि सुनिश्चित की गई मात्रा दर को अखबार के माध्यम से विज्ञापित करना सुनिश्चित करें साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक जानकारी बागवानों को प्रदान करें। इसके अतिरिक्त भाड़ा दरों को नियंत्रण कक्ष, नोटिस बोर्ड तथा मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित करें। जिला शिमला में 15 जुलाई, 2021 से खुलने वाले नियंत्रण कक्ष को समयावधि में खोलना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष में ई-टॉलयट एवं आने-जाने वाले ट्रकों तथा पिकअप तथा अन्य कर्मचारी जो इस कार्य में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनकी सुविधा के लिए सैनेटाइजर तथा हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सेब सीजन के दौरान सड़कों का विशेष रूप से विभाग ध्यान रखे, जिससे कि लोगों को अपनी फसल को समय से मण्डियों में पहुंचाया जा सके। उन्होंने टिक्कर से खमाड़ी सड़क की स्थिति को सही करने के विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस क्षेत्र में जिला शिमला का अधिकतर सेब मण्डियों में जाता है इसलिए बागवानों तथा किसानों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए समयावधि में विभाग के अधिकारियों को सड़क को सुधारने के दिशा-निर्देश दिए।
शहरी विकास मंत्री ने जिला शिमला के सम्पर्क मार्ग तथा पंचायत स्तर तक जाने वाले सभी सड़कों को भी विभाग के अधिकारी को सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने निहारी में बनने वाले पुल को 01 अगस्त, 2021 से पहले पूर्ण करने तथा छैला एवं बागड़ा में बन रहे पुलों का निर्माण कार्य भी तेजी से करने के निर्देश दिए। शिमला से चिढ़गांव, शिमला से चैपाल, शिमला से रामपुर-गौरा मशनु एवं रामपुर क्षेत्र की अन्य सड़कों तथा छैला से पराला मण्डी तक सड़क के रख-रखाव के भी निर्देश दिए। शिमला शहर में रहने वाले लोगों को सेब सीजन के दौरान जाम की स्थिति से न जूझना पड़े, इसके लिए भी पुलिस विभाग तथा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि ट्रकों एवं पिकअपों को समयावधि से ही शहर में भेजे, जिससे लोगों को जाम की स्थिति से निजात मिलेगी।
शिमला-मैहली सड़क को इस दौरान सुचारू बनाए रखने और इसकी मुरम्मत कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला शिमला की सभी मण्डियों में पीने के पानी की सुविधा, सुलभ शौचालय की सुविधा तथा सीसीटीवी कैमरे को भी इन मण्डियों में स्थापित किया जाए, जिससे बागवानों, बाहर से आने वालो लदानियों और स्थानीय आढ़तियों की निगरानी के माध्यम से सुरक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय गाड़ियों एवं बाहर से आने वाली गाड़ियों के आंकड़े दर्ज करने और शुल्क वसूली सॉफ्टवेयर प्रणाली द्वारा किए जाने का प्रयास करें ताकि इससे पारदर्शिता बनी रहे और लोगों को सुविधा मिल सके।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बागवानों की सुविधा के लिए इस वर्ष लगभग 2 करोड़ करेटों की उपलब्धता दी जाएगी। प्रौयोगिक तौर पर इसकी सफलता के उपरांत आने वाले समय में बागवानों को इस सुविधा से मण्डियों तक सेब भेजने में सुगमता होगी। उन्होंने सड़कों के किनारे बैठने वाले आढ़तियों से लगने वाले जाम के प्रति कढ़ा संज्ञान लेते हुए इस संबंध में सम्बद्ध विभाग को आढ़तियों के प्रति कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी रूप में यातायात बाधित न हो। उन्होंने एचपीएमसी तथा मार्किटिंग बोर्ड एवं हिमफैड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों की सुविधा हेतु कार्टन के बक्से की दरों को रियायती दर पर उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाए।