आज फतेहपुर में कांग्रेस ने चुनावी प्रचार का शंखनाद कर दिया। इसी कड़ी में विशाल कार्यक्रम का आयोजन हुआ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। फतेहपुर में हो रहे कार्यक्रम में आए अधिकांश व्यक्ति की छाती पर एक स्टीकर चिपका हुआ था जिसमें लिखा था जय भवानी। ऐसे ही कुछ बड़े स्टिक्कर कार्यक्रम में पंहुची गाड़ियों पर भी लगे थे ।
लेकिन ख़ास बात ये है कि इन स्टीकरों से कांग्रेस पार्टी का नाम और निशान गायब था । ये लोगो मे चर्चा और कुछ सवालिया निशान जरूर छोड़ गया है। कहीं ऐसा तो नहीं कि यह साफ साफ दिखाना था कि आए लोग भवानी के साथ हैं न की पार्टी के साथ। कहीं भवानी को नजरअंदाज किया गया तो वो भवानी के पक्ष मे जाएगें न की पार्टी के साथ। ऐसे कई सवालों के साथ यहां चर्चा अभी से ही शुरू हो गई है।
वहीं, दूसरे पक्ष ने भी भवानी को टिकट ने देने की बात कर डाली है औऱ ये भी तर्क दिया है कि आज दिन तक उन्होंने पार्टी के लिए क्या किया है। चुनाव और टिकट आवंटन निजी संपत्ति है जो पिता के बाद बेटे को दी जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि भवानी भी इन लोगों से अलग होकर चल रहे हैं। इन्हीं लोगों ने सुजान सिंह पठानिया के रहते हुए पार्टी में काम किया है और कई दफ़ा जीत भी दिलाई है। आपको एक बार बता दें कि भवानी स्वर्गीय सुजान सिंह पठानियां के बेटे है और उम्मीद लगाने वालो ने उन्हें "जय भावनी" का नारा दिया है।