स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कोविड के दौरान बच्चों की देखभाल में आशा वर्कर्ज की भूमिका और जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होगी। इस संबंध में राज्य में तैनात आशा वर्कर्ज को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दौरान बच्चों में कोविड-19 के लक्षणों के बारे में आम लोगों में जागरूकता लाने के साथ-साथ वे यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोविड के लक्षणों वाले मामलों की शीघ्र जांच हो और पीड़ित उपचार के लिए कोविड-19 समर्पित स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचें।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्ज को निर्देश दिए गए हंै कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सभी घरों में जाकर बच्चों में कोविड के लक्षणों का सर्वेक्षण करेंगी और उन घरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां बच्चे में जुकाम के लक्षण, सांस संबंधी परेशानी होने सहित अन्य बीमारियों के लक्षण पाए गए हैं। आशा वर्कर्ज बच्चों के कोविड मामलों में उपचार संबंधी प्रबंधन और उपचार के दौरान, होम आइसोलेशन का पालन सुनिश्चित करेंगी और यदि आवश्यक हो तो बच्चे को स्वास्थ्य संस्थानों में रैफर करने की कार्रवाई करेगी।
आशा वर्कर्ज दिन में कम से कम एक बार कोविड के मामलों वाले घरों का दौरा कर और टेलीफोन के माध्यम से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल करना सुनिश्चित करेंगी। आशा वर्कर्ज बच्चों के नियमित टीकाकरण के बारे में लोगों को जागरूक कर उनका नियमित टीकाकरण करवाने में मदद करेंगी। वह कोविड टीकाकरण के लिए पात्र माता-पिता और देखभाल करने वालों का पंजीकरण करवाने में भी सहयोग प्रदान करेंगी।