राजधानी शिमला के विकासनगर वार्ड में स्थानीय पार्षद द्वारा एंबुलेंस रोड पर खुदाई करके वहां खंबे गाड़ऩे के आरोप लगे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पार्षद और वहां रहने वाले एक पुलिसकर्मी ने रोड खोदकर कर उस पर लोहे के खंबे गाड़ दिए। इसके चलते वहां पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लोगो ने यह भी आरोप लगाया कि एंबुलेंस रोड के साथ लोगो की सहूलियत के लिए नगर निगम द्वारा बनाई गई सीढिय़ों को भी तोड़ा गया है।
लोगों का आरोप है कि नगर निगम की पार्षद और पुलिसकर्मी अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसके चलते लोग काफी परेशान हैं। स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें यहां रहते 30 साल हो गए है, लेकिन आज तक ऐसी कोई दिक्कत पेश नहीं आई। यह एंबुलेंस रोड करीब 3 साल पहले नगर निगम द्वारा बनाई गई थी और हाल ही में इस सड़क़ की टारिंग भी की गई है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस रोड के बनने से लोगों को काफी राहत मिली थी, लेकिन अब स्थानीय पार्षद ने रोड की जमीन को अपना बताकर वह खंबे गाड़ दिए है। इसके चलते लोग परेशान हैं। स्थानीय पार्षद अपनी मनमानी कर के लोगों को परेशान कर रहे हैं। इसी के साथ ही उन्होंने सड़क़ के साथ बनी सीढिय़ों को भी तोडऩे को कोशिश की। यह सीढिय़ां यहां पिछले काफी सालों से हैं, लेकिन अब इन्हें तोड़ा जा रहा है, जो कि गैर कानूनी है।
उन्होंने कहा कि यह नगर निगम की जमीन है और यहां पर नगर निगम द्वारा ही एंबुलेंस रोड़ का निर्माण किया गया था, तो कैसे पार्षद इसे अपना बताकर यहां अपना कब्जा जमा सकते हैं।
वहीं स्थानीय पार्षद रचना भारद्वाज का कहना है कि जब यह एंबुलेंस रोड नहीं बनी थी, तब यहां किसी के पास भी गाड़ी नही थी। लेकिन जैसी ही सड़क़ बनी तो लोगों से यहां पर गाड़िय़ा ले ली। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने ही घर में अपानी गाड़ी पार्क करने में दिक्कत पेश आ रही है, क्योंकि जब उन्होंने अपने पड़ोसी से अपनी एक गाड़ी को हटाने को कहा तो पड़ोसी ने अपनी गाड़ी नही हटाई।
उन्होंने कहा कि जब पूरा सैटबैक छोड़ऩे के बाद भी वह अपनी गाड़ी अपने ही घर की पार्किंग में खड़ी नहीं कर पा रही है, तो घर बनाने का क्या फायदा? उन्होंने कहा कि जब यह एंबुलेंस रोड़ बनी थी, तब उनके पड़ोसी ने भी अपना सैटबैक तोडक़र अपनी पार्किंग के लिए जगह बनाई थी, ऐसे में अब वह अपनी ही जमीन पर काम कर रही है, जो गौरकानूनी नहीं है।