हिमाचल प्रदेश में नए मोटर वाहन एक्ट के तहत बढ़ी हुई जुर्माना राशि को शीघ्र लागू कर दिया जाएगा। कुछ जरूरी औपचारिताओं के पूरा होते ही सरकार की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी जो पूरे प्रदेश में लागू होगी। इस बारे में जानकारी देते हुए परिवहन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत जुर्माने की राशि में परिवर्तन किया गया है। इस संशोधित अधिनियम में बढ़ी हुई जुर्माना राशि के साथ गंभीर अपराधों के लिए कारावास का प्रावधान भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के प्रावधान की अनुपालना में प्रदेश सरकार द्वारा संशोधित जुर्माने की राशि के निर्धारण को प्रदेश मंत्रीमंडल ने पहले ही स्वीकृति प्रदान कर दी है। कुछ जरूरी औपचारिकताओं के पूरा होते ही इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश की जनता से आग्रह किया कि वे सड़क पर सुरक्षा एवं यातायात नियमों का गंभीरता से पालन कर सरकार के सुरक्षा संबंधी प्रयासों में पूर्ण सहयोग करें, ताकि नियमों की उल्लंघना से होने वाली क्षति पर अंकुश लग सके।
गौरतलब है कि फरवरी महीने में हुई कैबिनेट बैठक में नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 को हिमाचल में लागू करने की मंजूरी दी गई है। नए नियम के तहत बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना, बिना पात्रता के गाड़ी चलाने पर 10 हजार जुर्माना, सीट बेल्ट न होने पर 1 हजार जुर्माना, रोंग साइड गाड़ी चलाने पर 5 हजार जुर्माना, रैश ड्राइविंग करने पर 5 हजार, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार, यात्री वाहन में ओवरलोडिंग पर प्रति यात्री 1 हजार, दोपहिया वाहन में ओवरलोडिंग का 2 हजार, बिना इंश्योरेंश के 2 हजार, गाड़ी चलाते मोबाइल यूज करने पर 5 हजार, बिना हेलमेंट 1 हजार जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है। वहीं, नाबालिग द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर अभिभावक या वाहन मालिक को भी दोषी माना जाएगा। इसके लिए उन्हें 25,000 रुपये का जुर्माने के साथ तीन साल की सजा हो सकती है।